जिले में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हुई तो उन निर्धन परिवारों के लिए थी जो महंगे इलाज का बोझ नहीं उठा सकते लेकिन पात्रों की सूची में कई अमीरों के नाम भी दर्ज हैं। पडरौना में ही दो दर्जन से अधिक धन्नासेठों के नाम सूची में हैं।

केन्द्र ने अप्रैल 2018 में आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। इसका आधार बनाया गया 2011 की आर्थिक सामाजिक जनगणना को। पडरौना में जिन कारोबारियों व रसूखदार परिवारों के नाम सूची में हैं, वे सभी उसी जनगणना से लिए गए हैं। नियमानुसार यदि ये आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध अस्पताल में पहुंचते हैं तो इन्हें व इनके परिवारीजनों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। ये कहीं भी पहुंचकर कार्ड बनवा सकते हैं।

जिले में आयुष्मान भारत योजना की सूची में कई संपन्न लोगों के भी नाम है, जबकि कई पात्र इस सूची में नहीं हैं। इस पर सीडीओ आनंद कुमार का कहना है कि यह सब 2011 की जनगणना की गड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें जानकारी ही नहीं है कि वे भी इस योजना के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले में सीएमओ को सत्यापन की जिम्मेदारी मिली है। जल्द ही ऐसे नाम सूची से हटाए जाएंगे। सीडीओ का कहना है कि केन्द्र की योजना लागू होने के बाद भी जिले में ऐसे तमाम परिवार रह गए थे, जो वास्तव में इस योजना के पात्र थे मगर उनका नाम 2011 की जनगणना में निर्धन परिवारों के रूप में शामिल नहीं था। इसीलिए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री आरोग्य योजना शुरू की, जिसका लाभ गरीब परिवारों को दिया जा रहा है। तमाम मुसहर परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। इसमें भी आयुष्मान भारत की तरह पांच लाख तक की मुफ्त चिकित्सा दी जाती है।

आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की सूची में रामघाट, जय प्रकाश नगर, पडरौना के रहने वाले हैदर अली आलू के बड़े कारोबारी हैं, पडरौना शहर के ओंकार वाटिका के रहने वाले प्रदीप तिवारी संपन्न किसान हैं। अपने इलाके के जमींदार हैं। इनके अलावा पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश सैनी, ओंकार वाटिका निवासी जगदंबा प्रसाद रूंगटा, महाबीरी गली निवासी सुरेश गोयल, प्रदीप गोयल, रामचंद गोयल, जामा मस्जिद रोड निवासी राजेन्द्र गोयल, मुन्ना कालोनी निवासी स्व. शिवकुमार शुक्ला, साहबगंज निवासी संजीव कुमार अग्रवाल, ओंकार वाटिका निवासी जगमोहन तिवारी व गणेश कुमार अग्रवाल, धर्मशाला रोड निवासी मारुति नंदन बंका।

जिन घरों में मोटरचालित दो, तीन या चार पहिए वाले वाहन, मछली पकड़ने की नौका, यांत्रिक तीन या चार पहिए वाले वाहन, कृषि के उपकरण, 50,000 से अधिक जमाराशि की सीमा के साथ किसान क्रेडिट कार्ड है और जिस परिवार में कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो तो वह एसईसीसी 2011 के अनुसार अपने आप ही इससे बाहर हो जाएगा।

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