राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मद्देनजर पूर्णयता लॉक डाउन होने के बाद भी बिजली के बिल आने पर दिल्ली भाजपा ने चिंता व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता प्रवीन शंकर कपूर ने इस संदर्भ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर जनता की चिंताओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। कपूर ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग की है कि अप्रैल में देय भुगतान वाले सभी बिलों की भुगतान की अवधि मई के अंत तक बढाई जाए और व्यापारिक उपभोक्ताओं से मार्च से लेकर अप्रैल के बिल के घरेलू दरों से लेने के साथ ही बिल में लगने वाले सभी स्थाई चार्ज को भी माफ किया जाए।

भाजपा प्रवक्ता कपूर ने कहा कि दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान भुगतान अनिवार्यता के साथ बिजली बिल मिलने प्रारम्भ हो गए हैं। इन बिलों के मिलने से लोगों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते पूरा भारत समेत दिल्ली बंद है। किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक गातिविधियां नहीं हो रही हैं, जिसके चलते जनता के पास अब पैसे का अभाव है।

उन्होंने कहा कि गत दो दिन पहले केजरीवाल ने दिल्ली के मकान मालिकों से अपील की थी कि वे दो माह के लिए किराया वसूली स्थगित कर दें। ऐसे में जब दिल्ली सरकार खुद जनता के घरों में बिजली के बिल भिजवा रही है तो यह कैसे मुमकिन होगा कि मकान मालिक अपने किरायेदारों से बिजली बिल न लें। उन्होंने कहा कि राज्य में लाखों छोटे किरायेदार हैं, जिसके कोई भी मीटर या सबमीटर नहीं लगा है। वह मकान मालिकों को आठ से दस रुपये यूनिट की दर से बिजली का बिल देते हैं। यह बिल मौजूदा हालात में उन पर एक प्रकार से गाज की तरह है।

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