लंदन। दुनियाभर में एलियंस देखे जाने के दावे पर चर्चा तेजी से शुरू हो गई है। कारण है कि अमेरिका के खुफिया सरकारी अधिकारियों द्वारा यूएफओ और एलियंस को लेकर की गई समीक्षा रिपोर्ट लीक कर दी गई है। इस रिपोर्ट में पिछले 20 सालों में अमेरिकी नौसेना द्वारा आसमान में देखी गई अज्ञात वस्तुओं की 120 से अधिक घटनाओं का जिक्र है। अब बहस इस बात पर भी छिड़ी है कि यदि एलियन के ये विमान आते हैं, तो गायब कहां हो जाते हैं या फिर क्या ये हाइपरसोनिक विमान हैं। हालांकि ये एक जांच का विषय है, लेकिन इन सबके बीच इंटरनेशनल कोएलिशन फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल रिसर्च (आईसीईआर) के उपाध्यक्ष गैरी हेसेल्टाइन ने दावा किया है कि एलियन अंतरिक्ष से नहीं, समंदर से आ रहे हैं। वेबसाइट द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, गैरी हेसेल्टाइन ने बताया कि सैन्य जहाजों के आसपास यूएफओ के हालिया वीडियो उनकी उत्पत्ति की व्याख्या करने में गेम-चेंजर हैं।
पूर्व पुलिस अधिकारी का दावा है कि जिस वीडियो में अमेरिकी नौसेना का एक जहाज उड़ती हुए ऑब्जेक्ट्स से घिरा हुआ देखा गया था, उससे शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि एलियन बेस पानी के नीचे है। पूर्व पुलिस अधिकारी गैरी ने कहा कि यूएफओ को अक्सर पानी के अंदर और बाहर आते देखा जाता है, इसलिए संदेह है कि हमारे गहरे महासागरों और खाइयों में एलियन बेस हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि सुनने में बड़ा ही अजीब लगता है, लेकिन आप इसके बारे में सोचें तो हम सिर्फ 5 प्रतिशत ही महासागर के बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि हम महासागरों से ज्यादा चांद या मंगल की सतहों के बारे में जानते हैं। इसलिए मुझे ऐसा महसूस होता है कि यूएफओ अक्सर पानी के अंदर ही आते-जाते हैं। गैरी हेसेल्टाइन ने रॉयल एयर फ़ोर्स पुलिस के साथ काम करते हुए छह साल बिताए हैं। गैरी हेसेल्टाइन ने ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस के साथ 24 साल और 2002 में एक सेवारत अधिकारी के रूप में यूएफओ देखे जाने के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस लॉन्च किया है। 2013 में फोर्स से रिटायर होने से पहले उन्होंने अपने शोध पर फोकस कर लिया। वहीं “पिरामिड यूएफओ” का वीडियो जारी करने वाले फिल्म निर्माता जेरेमी कोरबेल का कहना है कि अमेरिकी नौसेना के जहाजों को झुंड में देखा गया शिल्प ट्रांसमीडियम है। जिसका अर्थ है कि वे हवा और पानी के नीचे दोनों में काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूएफओ भले ही दूर से आ रहे हों, लेकिन अक्सर, हम उन्हें बहुत करीब से आते हुए देखते हैं। यह एक संभावना है कि यूएफओ पानी के नीचे एक स्थानीय स्थान से स्थानांतरित हो रहे हैं। अमेरिकी नौसेना और वायु सेना के कर्मियों द्वारा फिल्माए गए वीडियो की झड़ी लगने के बाद अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को कांग्रेस के लिए यूएफओ पर एक डोजियर संकलित करने का आदेश दिया गया है। ये रिपोर्ट इस महीने रिलीज होने वाली है।

Previous articleकोरोना की दूसरी लहर में झारखंड को नौ हजार करोड़ का नुकसान
Next articleअश्विन को लेकर चैपल के बयान से सहमत नहीं मांजेकर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here