भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम में मुस्लिमों को भी शामिल करने की मांग की है। अकाली दल केंद्र में सत्ताधारी एनडीए सरकार में शामिल है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को केंद्र सरकार से नए नागरिकता कानून में परिवर्तन कर मुस्लिमों को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर किसी को बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
सुखबीर सिंह बादल ने कही ये बात
गौरतलब है कि विवादित संशोधित नागरिकता अधिनियम में 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर सताए जाने कि वजह से भारत आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन धर्मावलंबियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। प्रेस वालों के सवालों का जवाब देते हुए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, हम मजबूती से मानते हैं कि मुस्लिम समुदाय को भी संशोधित नागरिकता अधिनियम में शामिल किया जाना चाहिए।
अधिनियम में संशोधन कर मुस्लिमों को किया जाये शामिल
उन्होंने कहा, मैं अपनी पार्टी की तरफ से बोल रहा हूं और पार्टी का साफ रूप से मानना है कि भारत सरकार को इस अधिनियम में संशोधन कर मुस्लिमों को शामिल करना चाहिए क्योंकि यह देश की राय है। शिअद प्रमुख जो पंजाब के फिरोजपुर से सांसद भी हैं, ने कहा है कि उनकी पार्टी के सांसदों ने ससंद में कहा था कि संशोधित नागरिकता अधिनियम में मुस्लिमों को शामिल किया जाना चाहिए।