- सवालः क्या सरकार सेवानिवृत्ति के उपरांत इन वीरों को मेडिकल की सुविधा देगी?
विकासनगर, 18 जून। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर इस मामले में सरकार से सवालात किए कि क्या सेवा के दौरान अंग भंग एवं गंभीर रूप से घायल वीरों को मेडिकल बोर्ड आउट पेंशन देगी। उन्होंने कहा कि क्या सरकार सेवानिवृत्ति के उपरांत इन वीरों को मेडिकल की सुविधा देगी। यहां जानकारी देते हुए नेगी ने कहा है कि क्या सरकार सांसद, विधायक की तर्ज पर इन वीरों को पेंशन देगी और क्या सेवानिवृत्ति के उपरांत 75 फीसदी वीर सड़कों पर आंदोलन नहीं करेंगे। नेगी ने कहा कि अगर सरकार इन वीरों को सेवानिवृत्ति के बाद विधायक, सांसद की तर्ज पर पेंशन की व्यवस्था करे तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन सरकार देश की सीमाओं पर तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों तक को पेंशन नहीं दे रही तो इन जवानों को क्या देगी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य देखिए कि विधायक व सांसद शपथ ग्रहण करते ही इस्तीफा दे व उसकी मौत हो जाए तो ताउम्र पेंशन, पारिवारिक पेंशन का हकदार हो जाता है, लेकिन सीमाओं पर तैनात अर्धसैनिक बलों के जवान को हकदार नहीं मानती है। नेगी ने इस अग्निपथ योजना के भविष्य पर प्रश्न चिह्न एवं तुलनात्मक उदाहरण देते हुए कहा की प्रदेश के संविदा गत हजारों उपनल कर्मचारी, निगमों में कार्यरत कर्मचारी 10-15 वर्षों से अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन आज तक उनका विनियमितीकरण नहीं हो पाया और इसी तरह शिक्षा विभाग व अन्य विभागों के दैनिक वेतन भोगी आदि कई माध्यमों से वर्षों से कार्य करने वाले कर्मचारी ओवरेज होने एवं नियमित न होने के कारण रात को चैन से नहीं सो पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के दुष्परिणाम स्वास्थ्य विभाग में कोविड-19 के समय नौकरी पर लगाए गए युवाओं से पूछिए। नेगी ने कहा कि सरकार इन अग्नि वीरों को नौकरियों में आरक्षण की बात कर रही है, जबकि सरकार की नियत को सभी जानते हैं कि जब कर्मचारियों एवं युवाओं को कुछ देने की बात आती है तो सरकार स्पेशल अपील में चली जाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इन अग्निवीरों की सेवानिवृत्ति तक सरकारी नौकरियां एवं उद्योग बचेंगे ही नहीं तो सरकार कहां से आरक्षण देगी।