भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज देश के न्यायालयों की सुरक्षा को लेकर अहम टिप्पणी की है। सीजेआई जस्टिस बोबड़े ने कहा कि अगर तीस हजारी कोर्ट की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के पास होती तो हालात वैसे ना होते जैसे हो गए थे। लिहाजा अदालतों में सीआईएसएफ की सुरक्षा होनी चाहिए। सीजेआई ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय को अदालती सुरक्षा के लिए CISF का एक विशेष विंग बनाने को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे कि वहां सुरक्षा की ज़रूरत है या नहीं।

इस मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुरक्षा इंतजामों में CCTV कैमरों की भी विशिष्ट भूमिका होती है। तभी वो सुरक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा होते हैं।

बता दें कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर एक वकील से विवाद हो गया था। इस दौरान पुलिस और वकील के बीच झड़प में हिंसा फैल गई और वकीलों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और महिला अधिकारियों के साथ बदसलूकी भी गई। इसके बाद दिल्ली में पुलिस और वकील आमन सामने आ गए थे। कई कोर्ट में पुलिस के खिलाफ हिंसा हुई थी। वहीं पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े वकीलों ने देशभर में हड़ताल कर दी थी।

Previous articleछात्रों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास जारी : जेएनयू कुलपति
Next articleJNU हादसे पर वयान वाजी से पहले, क्या सोनिया गांधी जवाब दे सकती हैं कि इंदिरा ने 45 दिनों तक JNU को बंद रखा, सैकड़ों को क्यों गिरफ्तार किया?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here