विभागों से सम्बंधित समितियों से लगातार अनुपस्थित रहने वाले सांसदों को अब संसदीय पैनलों से हटाया जा सकता है। गुरुवार को राज्यसभा अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू के साथ समितियों के अध्यक्षों की बैठक में यह बात सामने आई है। नायडू ने इस मीटिंग के दौरान संसदीय समितियों के कामकाज को लेकर चिंता जाहिर की थी और कमिटियों के अध्यक्षों से सदस्यों की अनुपस्थिति की शिकायत की थी।

राज्यसभा की कुल 20 समितियों का नेतृत्व करने वाले 16 सांसदों में से कुल 15 इस बैठक में उपस्थित थे। समितियों के अध्यक्षों ने यह स्वीकार किया कि सांसदों की राजनीतिक विवशताएं होती हैं और उन्हें अपने क्षेत्र में भी रहना होता है, किन्तु उन लोगों को कमिटियों से बाहर किया जाना चाहिए, जो अकसर गैरमौजूद रहते हैं।

विभागों से जुड़ी समितियों के 248 सदस्यों में से 28 सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है। इसके अतिरिक्त 100 के लगभग सांसद ऐसे हैं, जो दो या उससे अधिक बार लगातार बैठकों से गायब रहे। इतना ही नहीं लोकसभा सांसदों की ऐसी समितियों में मौजूदगी इससे भी कम है। लोकसभा से सम्बंधित कुल 8 कमिटियों से जुड़े 168 सांसदों में से केवल 18 ऐसे थे, जो समितियों की सभी बैठकों में हाजिर रहे।

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