पटना। लोजपा में हुई टूट के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में कांग्रेस के विधायक भी बहुत जल्द अपना पहला बदल सकते हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के तकरीबन 10 विधायक जेडीयू के लगातार संपर्क में हैं, जो कभी भी टूट सकते हैं। दलबदल कानून के प्रावधानों के तहत विधायकों के टूटने के लिए 13 की संख्या होना अनिवार्य है। इसके लिए जेडीयू की तरफ से अब ऑपरेशन कांग्रेस चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में 3 और विधायकों को साथ जोड़ने की कवायद चल रही है।
दूसरी ओर पार्टी के वरीय नेता और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने इन बातों का खंडन किया है। मिश्रा ने कहा कि यह सब काल्पनिक है और मीडिया में ये खबरें जेडीयू के उन नेताओं द्वारा प्लांट कराई जा रही हैं जो नीतीश कुमार के समक्ष अपनी उपयोगिता साबित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा तो सीधे आरोप भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर है जो कांग्रेस के भगोड़े हैं, वो इस काम मे लगे हुए हैं। लेकिन कांग्रेस का एक भी विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है। प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारा विधायक दल एकजुट है। हम जानते हैं कि हमारा परसेप्शन का खेल चल रहा है। प्रेमचंद ने कहा कि एलजेपी को आपने तोड़ दिया, लेकिन कांग्रेस कोई एलजेपी है क्या और नीतीश कुमार कांग्रेस को नाराज कर देंगे? नीतीश कुमार राजनीतिक व्यक्ति हैं वो कभी भी नहीं चाहेंगे कि कांग्रेस का दरवाजा उनके लिए बंद हो जाए। मिश्रा ने दावा किया कि बिहार में एनडीए की सरकार गिरने जा रही है और गठबंधन की सरकार बनेगी। बिहार में इस समय कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं और टूटने के लिए दो तिहाई विधायकों का किसी भी दल के लिए साथ आना जरूरी है।