नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मंच पर जारी होने वाली सामग्री के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने को नए आईटी नियम जारी किए थे, जो 25 मई से प्रभावी हो गए हैं। हालांकि, व्हॉट्सएप ने इन नियमों को अदालत में चुनौती दी है, जबकि फेसबुक-गूगल ने अमल का भरोसा तो दिलाया है, पर इसकी समयसीमा नहीं घोषित की है। वहीं, ट्विटर ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जानकारों का कहना है कि कंपनियां नए नियमों में कुछ बदलाव चाहती हैं। वे इनके क्रियान्वयन के लिए छह महीने की मोहलत देने की भी पक्षधर हैं।सोशल मीडिया कंपनियों के लिए हर मैसेज के स्रोत का पता लगाना अनिवार्य रहेगा।अधिकृत एजेंसियों की आपत्ति के 36 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री हटानी पड़ेगी। अश्लील पोस्ट के अलावा उस तस्वीरों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा, जिनसे छेड़छाड़ की गई है। कंपनियों को देश में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना पड़ेगा। सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी, जिसमें प्राप्त शिकायतों, उनमें की गई कार्रवाई और मंच से हटाई प्रतिबंधित की गई सामग्री का ब्योरा देना अनिवार्य रहेगा। -कंपनियोंको अपनी वेबसाइट या एप या फिर दोनों पर भारत में संपर्क का पता देना होगा, देश की सुरक्षा-संप्रभुता, कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचानी वाली सामग्री का स्रोत बताना पड़ेगा।

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