नई दिल्ली । कर्नाटक हाईकोर्ट में अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच के आदेश पर अगली सुनवाई अब 18 जनवरी को होगी। इसी तारीख में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भी शिकायत संबंधी अपने दस्तावेज रखेगी। हालांकि अमेज़न और फ्लिपकार्ट के वकीलों ने इसका विरोध किया और कहा कि कैट द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले तथ्यों की आवश्यकता नहीं है। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। गौरतलब है कि कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) में कैट ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चला गया था। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों ने फरवरी, 2020 में कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। यह याचिका सीसीआई द्वारा उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए जाने के खिलाफ दायर की गई थी। सीसीआई ने जांच का आदेश दिल्ली व्यापार महासंघ (डीवीएम) और कैट द्वारा सीसीआई में दाखिल की गई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए दिया था।
तत्कालीन एकल न्यायाधीश ने सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया, जिसके बाद सीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में रोक हटाने को लेकर अक्टूबर 2020 में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सीसीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था की सीसीआई पहले इस मामले को कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष स्टे को रद्द करने के लिए उक्त आवेदन दायर करे। वहीं कर्नाटक उच्च न्यायालय को सीसीआई द्वारा दाखिल याचिका को छह सप्ताह के भीतर निपटाने के लिए निर्देश दिए था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सीसीआई ने जांच पर लगी रोक को हटाने की याचिका हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट में दाखिल की जिस पर सुनवाई हुई और उक्त आदेश जारी किया गया।