अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद से चीन के खिलाफ सख्त तेवर अपना रखे हैं। उन्होंने चीन पर कई वाणिज्यिक प्रतिबंध लगाए। अब अमेरिका ने चीन के खिलाफ एक और बड़ा सख्त कदम उठाया है। अमेरिका ने कल यानि मंगलवार को कहा कि वह लेकर चीनी अधिकारियों के वीजा पर रोक लगाएगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अल्पसंख्यक मुसलमानों पर अत्याचार रोकने की अपील करते हुए एक बयान में कहा, ‘अमेरिका चीन से अपील करता है कि वह शिंजियांग में दमन के अपने अभियान को तत्काल बंद करे।’ अमेरिका ने चीन पर शिनजियांग के पश्चिमी क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों के हाइटेक सर्विलांस और कठोर नियंत्रण का आरोप लगाया है।

अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर कड़े नियंत्रण की कोशिशें..
पोम्पियो ने कहा, चीन सरकार ने शिनजियांग में उइगर, कजाख और किर्ग अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर कड़े नियंत्रण की कोशिशें की हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, चीन ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप में रखा है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान पर कड़ा नियंत्रण रखा जा रहा है। विदेश से लौटने वाले लोगों पर भी तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और कड़ी निगरानी की जा रही है।

चीन के 28 संगठनों को अमेरिका ने ब्लै​कलिस्ट में डाला..
इससे पहले अमेरिका ने चीन के 28 संगठनों को संयुक्त राज्य अमेरिका की ब्लैकलिस्ट में शामिल किया था। इसके पीछे मानवाधिकारों के हनन में उनकी भूमिका को वजह बताया गया था। ट्रेड वार के बीच अमेरिका के ये फैसले दोनों देशों के संबंधों में और कड़वाहट घोल सकते हैं। बता दें कि उइगर मुस्लिमों के दमन के कारण चीन की दुनियाभर में आलोचना होती रही है।

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