चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत ने एक और बड़ी जीत दर्ज की है। भारत को अमेरिका का खुलकर साथ मिलना शुरू हो गया है। ये खबर चीन के लिए बड़े झटके के समान है। अमेरिका के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सासंद ने भारत की बॉर्डर पर चीन की हालिया अक्रामक गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हुए चीन से आग्रह किया है कि वह तनाव बढ़ाने वाली रणतीति को छोड़ कूटनीति को अपनाए।

पिछले हफ्ते गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। दोनों ही देशों के बीच सीमा को लेकर जारी तनाव के बीच पिछले लगभग पांच दशकों में इस बड़ी हिंसक झड़प ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया। सासंद राजा कृष्णमूर्ति ने एक बयान में सोमवार को कहा है कि, ‘मैं चीन की सरकार द्वारा वास्तविक निंयत्रण रेखा (LAC) पर हालिया खतरनाक आक्रामक गतिविधि और अकारण जीवन को हुई क्षति से बेहद चिंतित हूं।

उन्होंने आगे कहा कि चीन सरकार को अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक, पड़ोसियों के साथ विवादों से निपटने के दौरान उकसावे और धौंस के रास्ते का उपयोग बंद करना चाहिए। इलियोनिस से डेमोक्रेटिक सासंद ने कहा कि, ‘मैं चीन सरकार से सख्ती से अपील करता हूं कि वह तनाव बढ़ाने वाली धृष्टता की राह को छोड़ भारत के साथ अपने सीमा विवाद से संबंधित सवालों के हल के लिए कूटनीति का अनुसरण करे।

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