वाशिंगटन। भारत-चीन के सीमाविवाद के बीच पूर्वी लद्दाख में भारतीय जवानों पर नृशंस हमले तो लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रोबर्ट ओ‘ब्रायन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ चीन का ‘बेहद आक्रामक’ व्यवहार और दक्षिण चीन सागर एवं हांगकांग में उसके कदम इस बात की जानकारी देते हैं कि सत्तारूढ़ ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) इन दिनों किस प्रकार से सोच रही है। ओ‘ब्रायन ने मंगलवार को कहा, ‘चीनी भारत के प्रति बहुत आक्रामक रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वी लद्दाख में हुई हालिया झड़प में उन्होंने कुछ भारतीयों को इतनी बुरी तरह से मारा कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया। ओ‘ब्रायन ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह भारत और चीन के बीच का विवाद है, लेकिन चीन ने दिखा दिया कि वह असल में क्या हैं। चीनी बलों ने भारतीय बलों पर घात लगाकर हमला किया। उन्होंने 20 भारतीय जवानों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने उन्हें कील लगी और नुकीली तार से लिपटी लाठियों से बहुत बुरी तरह से मारा।’ उन्होंने पूर्वी लद्दाख में 15 जून को भारत और चीन के बीच हुई झड़प संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और अमेरिका का बहुत अच्छा दोस्त है।
ओ’ब्रायन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बेहतरीन संबंध हैं। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 संकट से पहले मैंने राष्ट्रपति के साथ जो आखिरी विदेश यात्रा की थी, वह भारत की ही थी और वहां भारतीयों ने हमारा शानदार स्वागत किया। हमारे बीच कई चीजें मिलती-जुलती हैं। हम दोनों देशों के लोग अंग्रेजी बोलते हैं, हम लोकतांत्रिक देश हैं। हमारे भारत के साथ मजबूत संबंध हैं, जो और मजबूत हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘चीन दक्षिण चीन सागर और हांगकांग में जो कर रहा है, वह ताइवान को जिस तरह डरा है और भारत के संबंध में उसने जो कदम उठाए हैं, वे इस बात की भली-भांति जानकारी देते हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना इन दिनों किस तरह से सोच रही है।’ ओ‘ब्रायन ने कहा, ‘यह चिंता करने की बात है।’ इससे पहले, अमेरिकी सांसद बॉब मेनेंडेज ने आरोप लगाया कि चीन अपने पड़ोसियों की परवाह किए बगैर एशिया का नक्शा दोबारा बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन जब वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हट रहे हैं, तो ऐसे में मुझे क्षेत्रीय विवादों में चीन के आक्रामक व्यवहार को लेकर बहुत चिंता है।’ मेनेंडेज ने कहा, ‘2017 डोकलाम गतिरोध से लेकर सिक्किम और लद्दाख की सीमाओं पर हाल में हुई हिंसा तक और भूटानी क्षेत्र पर चीन के नए दावे… ये सब दर्शाते हैं कि बीजिंग अपने पड़ोसियों के संबंध में एशिया के नक्शे को दोबारा तैयार करने की अकसर कोशिश करता रहा है।’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए कि ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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