नई दिल्ली। भारत में कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज के बीच गैप को लेकर बहस जारी है। कल ही वैक्सीन की किल्लत के बीच सरकार ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश को मंजूर कर लिया है। इससे पहले के प्रोटोकॉल के तहत कोविशील्ड की दो डोज के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखना होता था। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी ने भी इसे सही ठहराया है। जब आप बहुत मुश्किल स्थिति में होते हैं, जैसी स्थिति अभी भारत में है, आपको कोशिश करनी होती है कि आप अधिक से अधिक लोगों को जल्दी से जल्दी टीका लगवा सकें। इसलिए मेरा मानना ​​है कि यह एक उचित दृष्टिकोण है। गुरुवार को भारत सरकार ने घोषणा की कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच का अंतर मौजूदा 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है। यह तीन महीने में दूसरी बार है कि कोविशील्ड खुराक अंतराल को बढ़ाया गया है। सरकार के इस कदम ने एक बार फिर से आलोचना को जन्म दिया है। हालांकि, डॉ. फौसी ने कहा कि भारत सरकार का ह कदम टीके की प्रभावकारिता के दृष्टिकोण से भी फायदेमंद है। फौसी ने बताया आप दोनों डोज के बीच लंबी गैप करते हैं। ऐसे में इसकी संभावना काफी कम है कि यह टीका की प्रभावकारिता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।” भारत में अगले सप्ताह से कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को भई शामिल किया जाएगा। इसके साथ, भारत के पास अब अपने मेगा टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए तीन टीके होंगे जो हाल ही में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए खोले गए थे। स्पुतनिक वी वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैंने स्पुतनिक के बारे में सुना है कि यह 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है। आप सैन्य का उपयोग कभी-कभी उन चीजों को जल्दी से करने के लिए कर सकते हैं जो आप निजी क्षेत्र में नहीं कर पाएंगे। उदाहरण के लिए, मुझे पता है कि अभी अस्पताल में बेड की कमी है। आप सेना को फील्ड अस्पताल स्थापित करने के लिए कह सकते हैं। सेना युद्ध के समय क्लासिक अस्पताल के विकल्प के रूप में काम करती है। महामारी के बीच भारत की यात्रा फिर से शुरू करने पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए फौसी ने कहा, “यह वास्तव में संक्रमण के स्तर पर निर्भर करने वाला है। भारत में संक्रमण का स्तर बहुत अधिक है। इसका मतलब यह है कि अभी वहां की यात्रा शुरू करना बहुत मुश्किल है।

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