नई दिल्ली। अमेरिकी सेना के पूरी तरह अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया। पिछले कुछ दिनों से देश छोड़ने वालों की भीड़ से भरा काबुल एयरपोर्ट आखिरकार पूरी तरह से शांत हो गया। सोमवार रात को अमेरिका का आखिरी विमान अफगानिस्तान से रवाना हो गया। इसके साथ ही 20 साल लंबा उसका अभियान खत्म हुआ और काबुल हवाई अड्डे पर तालिबान ने नियंत्रण कर लिया। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा- आज हमने काबुल में अपनी कूटनीतिक मौजूदगी को निरस्त कर दिया है और अपने ऑपरेशंस को कतर की राजधानी दोहा में ट्रांसफर किया है। अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध रखने के लिए हम दोहा, कतर में अपनी पोस्ट का इस्तेमाल करेंगे। अमेरिकी सेना की फ्लाइट्स रुक गई हैं और हमारी फौज अफगानिस्तान से रवाना हो चुकी है। भारी हथियारों से लैस तालिबान लड़ाके हैंगर के जरिए एयरपोर्ट में पहुंच गए। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट कर कहा, “आज रात अफगानिस्तान समयानुसार 12 बजे बाकी बचे अमेरिकी सैनिक भी काबुल से चले गए और हमारा देश पूरी तरह आजाद हो गया।” एएफपी के संवाददाताओं ने बताया है कि उन्होंने कई चेकपोस्ट पर खुशी में गोलीबारी की आवाजें सुनीं। ऐसे कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए जा रहे हैं जिनमें तालिबान को हवा में गोलीबारी करते देखा जा सकता है। हालांकि अभी देश में अमेरिका की मदद जारी रहेगी अभी भी बड़ी तादाद में ऐसे लोग अफगानिस्तान में हैं। बाद में हवाई अड्डे के टरमैक पर अल-जज़ीरा अरबी से बात करते हुए, मुजाहिद ने कार्यवाहक सरकार को स्वीकार से इनकार कर दिया और जोर देकर कहा अब काबुल सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “काबुल में सुरक्षा होगी और लोगों को चिंतित नहीं होना चाहिए।” तालिबान लड़ाकों ने हवाई अड्डे के बैरिकेड्स पर अपने सफेद झंडे लपेट दिए। टर्मिनल के अंदर, कई दर्जन सूटकेस और सामान के टुकड़े फर्श पर बिखरे पड़े थे, जो संभवत: अफरा तफरी में गिर गए होंगे। इसके अलावा कपड़े और जूते भी बिखरे पड़े थे। साथ ही वहां प्रसिद्ध तालिबान विरोधी सेनानी अहमद शाह मसूद का एक पोस्टर फाड़ दिया गया था।

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