अयोध्या मामले के आगामी फैसले को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। शांति भंग की आशंका से सरकार और प्रशासन के हाथ-पांव फूलते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सद्भावना बरक़रार रखने की तमाम कोशिशें हो रही हैं। इसी को लेकर RSS चीफ मोहन भागवत और मौलाना अरशद मदनी में जल्द मुलाकात हो सकती है। इसी बैठक को लेकर बुधवार (6 नवंबर) दिल्ली में मौलाना अरशद मदनी से RSS की प्रशिक्षण शाखा के अध्यक्ष सुनील पांडेय ने मुलाकात की थी।

संघ प्रमुख और मौलाना मदनी की मुलाकात
दोनों के बीच मुलाकात की रुपरेखा पर वार्ता हुई। इस मुलाकात के बाद ही ये स्वीकार किया जा रहा है कि 48 घंटों के भीतर संघ प्रमुख और मौलाना मदनी की मुलाकात हो सकती है। बुधवार को अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसले से पहले जमीयत उलेमा हिन्द के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा था कि मुसलमानों का दृष्टिकोण पूर्णतः ऐतिहासिक तथ्यों, सबूतों और साक्ष्यों पर आधारित हैं।

अदालत का फैसला कानूनी दायरे में होगा
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर या किसी मंदिर के स्थान पर नहीं किया गया था। हमें पूरा यकीन है कि अदालत का फैसला आस्था की बुनियाद पर ना होकर कानूनी दायरे में होगा और अदालत के फैसले को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ससम्मान स्वीकार करेगी।

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