अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय अब 18 अक्टूबर के बाद कोई सुनवाई नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज इस बात को साफ़ कर दिया है। साथ ही चार हफ़्तों में फैसला आने को चमत्कार के रूप में बताया है। यह खबर आते ही अयोध्या के संतों में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक उम्मीद प्रबल हो गई है।
फैसले को लेकर नहीं होगी कोई सियासत
एक तरफ जहाँ संत समाज मुख्य न्यायाधीश के इस फैसले का स्वागत कर गदगद महसूस कर रहा है, तो वहीं बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी भी इस निर्णय को सही ठहरा रहे हैं। इकबाल अंसारी का कहना है कि अदालत आज ही फैसला कर दे, हम उस निर्णय को मानने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह अब इस फैसले को लेकर कोई सियासत नहीं करना चाहते और न ही फैसले को लंबित करना चाहते हैं। अयोध्या के संत समाज भी राम मंदिर को लेकर उम्मीद के साथ शीर्ष अदालत की ओर देख रहे हैं।
श्री राम के जन्मस्थान को लेकर कोई संदेह नहीं
श्री राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है कि भगवान श्री राम के जन्मस्थान को लेकर कोई संदेह नहीं है। राम के लिए प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। अयोध्या की सुंदरता और उसका अस्तित्व भगवान श्री राम से ही है। अगर कोई प्रमाण दे कि राम का जन्म कहीं और हुआ तो बताएं। आज जहां श्री राम विराजमान हैं, वही उनका वास्तविक जन्मस्थान है। उस पर कुछ कहना मूर्खता और अज्ञानता ही होगी।