अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा है। सबसे पहले मुख्य न्यायाधीश ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज करने की बात कही है। इसके बाद अदालत निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच जजों की बेंच यह फैसला सुना रही है।

अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर
अदालत ने ASI की रिपोर्ट के आधार पर यह भी कहा है कि मस्जिद खाली भूमि पर नहीं बनाई गई थी। इसके साथ ही अदालत ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किए जाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है। अदालत ने कहा है कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है। अयोध्या पर मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई फैसला पढ़ रहे हैं। इस दौरान CJI गोगोई ने कहा है कि 1949 में मूर्तियां रखी गईं।

CJI के मुताबिक
CJI ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष साबित नहीं कर पाया कि उनके पास भूमि का मालिकाना हक था। ADAlat ने कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने में योजना तैयार करेगी। गोगोई ने कहा है कि मुसलमानों को मस्जिद के लिए दूसरी जगह दी जाएगी । अदालत ने कहा कि मुस्लिमों का बाहरी अहाते पर हक़ नहीं रहा। सुन्नी वक्फ बोर्ड इसका सबूत नहीं दे पाया कि यहां उसका एक्सक्लूसिव अधिकार था।

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