नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी सिविल सर्विस प्री परीक्षा 2020 के स्थगन को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान यूपीएससी ने कहा कि परीक्षा स्थगित करना असंभव है, क्योंकि सभी लॉजिस्टिक व्यवस्था पहले से ही की गई है। न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने यूपीएससी से कहा कि वह इस तथ्य को हलफनामे में रखे और व्यवस्थाओं के साथ रखे। अब इस मामले की सुनवाई होगी। देशभर में कोरोना वायरस महामारी के कारण बढ़ते मामलों को लेकर इस परीक्षा को स्थगित करने को लेकर याचिका दायर की गई है। इस याचिका को 20 यूपीएससी सिविल सर्विस अभ्यार्थियों ने फाइल किया है। आपको बता दें कि यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 4 अक्टूबर को आयोजित की जानी है। इससे पहले 24 सितंबर को कोर्ट ने एडवोकेट आलोक श्रीवास्तव को याचिका की कॉपी केंद्र और संघ लोक सेवा आयोग को देने के लिए कहा था। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। देशभर के याचिका कर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि इस समय में परीक्षा कराना उम्मीदवारों की हेल्थ और सेफ्टी दोनों को लेकर खतरा पैदा कर सकती है। देशभर के 72 शहरों में होने वाली इस ऑफलाइन परीक्षा में 6 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने के उम्मीद है