बीते कई वर्षों से हिंसा से जूझ रहे असम (Assam) के लिए आज राहत की खबर आई है। दरअसल, इस नॉर्थ ईस्ट राज्य में स्थाई शांति की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन आफ बोडोलैंड (NDFB) और अन्य दलों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया है। इसे असम में शांति लाने की कोशिशों की दिशा में सरकार की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय आज नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के सभी दलों के साथ शांति समझौते पर दस्तखत करने जा रहा है। आज दोपहर 1.30 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बोडो संगठनों के साथ समझौते पर दस्तखत होंगे। यह शांति समझौता बोडो भाषा और संस्कृति की सुरक्षा के साथ सियासी और आर्थिक मांगों को पूरा करेगा। बता दें कि अगस्त 2019 से सरकार ने बोडोलैंड समस्या के पूर्ण निराकरण करने की दिशा में तेजी से काम किया।

बता दें कि सरकार की तरफ से बोडो गुटों की मांग को मानते हुए एक अलग यूनिवर्सिटी, कुछ सियासी आधार, बोडो भाषा के विस्तार पर विस्तार किया जा सकता है। इस दौरान NDFB संगठन के रंजन दैमिरी, गोविंदा बासुमैत्री, धीरेन बोरे और बी. सारोगैरा सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद रह सकते हैं।

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