कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टर, नर्स समेत किसी भी स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी और विदेशों में फंसे लोगों को लाने वाले एयरलाइंस के क्रू मेंबरों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव करना महंगा पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वाराणसी के लोगों से बातचीत करते हुए दो टूक अंदाज में कहा कि वह कोरोना से जंग में जुटे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी पहुंचाने की घटना को गंभीरता से लेंगे। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। वाराणसी के लोगों से बातचीत के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मोहनी ने यह पीएम मोदी के सामने उठाया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मंगलवार को उन्होंने डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्स, वार्ड स्टॉफ आदि के साथ विस्तार से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि इस देश के सामान्य लोग सही समय पर सही कदम उठाने को लेकर विश्वास करते हैं।
सामजिक कार्यकर्ता मोहनी के सवालों का जवाब देते हुए पीएम ने कहा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान देश के आम लोगों ने जिस तरह से भागीदारी निभाई उससे दुनिया अचंभित है। इसके बाद इसी दिन शाम को ठीक पांच बजकर पांच मिनट पर देशभर के लोगों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों का अभिवादन करने के लिए साथ आए। लोगों ने डॉक्टरों, लैब टेक्नीशियन, नर्सों के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत किया। ये पूरे देश ने किया। यह सम्मान का प्रकट रूप था, लेकिन बहुत कम लोग इस बात को समझ पाते हैं कि इस छोटे से कार्यक्रम के द्वारा और भी कुछ हुआ है। इसके अंर्तनिहित एक अप्रकट बात भी थी। वह था समाज के मन में इन सबके लिए आदर सम्मान का भाव।
पीएम ने कहा कि डॉक्टर जिंदगी बचाते हैं और हम उनका कर्ज कभी नहीं उतार सकते। जिन लोगों ने वुहान में रेस्क्यू ऑपरेशन किया मैंने उन्हें पत्र लिखा, मेरे लिए वह पल भावुक करने वाला था। वह सिर्फ लिखने के लिए लिखा गया पत्र नहीं था। अभी इटली से लोगों को लाने वाले एयर इंडिया के क्रू जिनमें सभी महिलाएं थीं। मैंने उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा किया था। पीएम ने कहा कि शायद आप लोगों ने देखा भी हो। कुछ जगहों से ऐसी घटनाओं की खबरें आई हैं जो हृदय को चोट पहुंचा रही हैं। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि अगर ऐसी कोई भी गतिविधि कहीं दिखाई दे रही है, इस महामारी से बचाने के लिए जो लोग काम में लगे हैं। डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी को अगर कोई परेशानी पहुंचा रहा है तो उस इलाके के लोग उन्हें परेशानी पहुंचाने वालों को चेतावनी दें। उनको समझाइए ऐसा ना करें। जो भी सेवा कर रहे हैं कि हमें उनकी मदद करनी चाहिए।
‘स्वास्थ्यकर्मियों को परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा’
पीएम ने साफ तौर से कहा कि देश में जो भी छिटपुट घटनाएं हुई हैं, वह गंभीर है। ऐसे मामलों में गृह विभाग और राज्यों के डीजीपी को सख्ती से काम करने को कहा गया है। डॉक्टरों, नर्सों और सेवा करने वालों को परेशान करना बेहद महंगा पड़ेगा। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। पीएम ने आगे कहा कि संकट के इस वक्त में देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि अस्पतालों में सफेद ड्रेस में दिख रहे डॉक्टर और नर्स ईश्वर का ही रूप हैं। आज यही हमें मौत से बचा रहे हैं। अपने जीवन को खतरों में डालकर ये लोग हमारी जिंदगी बचा रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमारे समाज में यह संस्कार दिनोदिन प्रबल होता रहे, यह हम सब का दायित्व है। जो लोग देश की सेवा करते हैं, जो देश के लिए खुद को खपाते हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान हर पल होते रहना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में हमने देखा है कि एयरपोर्ट पर जब फौज के जवान जाते हैं तो लोग उठ खड़े हो जाते हैं। तालियां भी बजाते हैं। आभार प्रकट करने का यह तरीका हमारे संस्कारों में दिनों दिन बढ़ता ही जाना चाहिए।
मकान मालिक ने डॉक्टर को घर में नहीं घुसने दिया
एम्स के रेसिडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार को कहा था कि उनके कुछ सहकर्मियों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और खासतौर पर मकान मालिक उन्हें घर खाली करने को कह रहे हैं। उन्होंने इस मामले में सरकार से दखल देने की गुहार लगाई थी। गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा था कि उनके कई सहकर्मियों को अपने सामान के साथ सड़कों पर आना पड़ा है। एसोसिएशन ने उनसे अनुरोध किया कि वह तत्काल आदेश जारी करके स्वास्थ्य देखभाल में जुटे पेशेवरों से मकान मालिकों द्वारा घर खाली करवाए जाने पर रोक लाएं। इसके बाद गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से बात की और इस तरह की किसी भी घटना को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी ऐसी खबरों पर गहरा दुख जताया था।
सरकार ने बुधवार को क्षेत्रीय उपायुक्तों को ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ ‘सख्त दंडात्मक कार्रवाई’ करने का निर्देश दिय