मदरलैंड संवाददाता,
जहर खाओ न माहुर खाओ,मरना हैं तो सुपौल जिले अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज जाओ …जी हां अगर वहां के घूमते आवारा कुत्तो को मलेरिया हो सकता हैं, तो फिर आम आदमी क्या हैं? अस्पताल में लोगों को नई जिंदगी मिलती है, बीमारियां दूर होती है, उन्हीं अस्पताल प्रबंधनों की लापरवाही के कारण लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।खासकर जिले के त्रिवेणीगंज में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत किस कदर खराब है,इसकी एक बानगी गुरुवार को देखने को मिली।जहां विनीता नामक प्रसव पीड़िता को वाहन के लिए जूझने की परिस्थिति वास्तव में दुखदायी थी। प्रखण्ड कार्यालय के समीप एनएच के किनारे दर्द से बिलख रही थी,रो रही थी।सूचना पर लॉकडाउन में देवदूत बने त्रिवेणीगंज के जाबांज एसडीओ विनय कुमार सिंह ने अपनी जिम्मेदारी और मानवता का परिचय दिया।डिलीवरी पीरियड में महिला को अपने सरकारी वाहन से अस्पताल पहुंचाया बल्कि पूरा ख्याल भी रखा।