मदरलैंड संवाददाता,
पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा अनुमंडल के गंडक पार की धनहा थाना क्षेत्र के राजकीयकृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पंडित भरत उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा मरीज का उपचार डॉक्टर अवश्य करते हैं लेकिन उस मरीज की देखभाल नर्स करती हैं। एक नर्स मरीज के सिर्फ बाहरी जख्मों पर ही नहीं बल्कि उसके मन के अंदर की जख्मों पर भी मरहम लगाती है। अपने व्यवहार से मरीज के दुख को कम करने के साथ ही मां की तरह दुलार भी देती है। इन दिनों नर्स की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारियां बढ़ गई है। दूसरों की जान बचाने के लिए कुछ ऐसी भी महिला नर्स है जो अपने परिवार से दूर हो गई हैं। ना तो अपनों को दुलार दे पा रहे हैं और ना ही उनके बीच अपना समय दे रही है। हां यह जरूर है कि मरीजों की सेवा करने के बाद उनके चेहरे पर अलग तरह का आत्म संतोष नजर आता है।उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत सरकार और यूनिसेफ की ओर से लगातार दिशा निर्देश प्राप्त हो रहे हैं ।जिसका पालन करना नितांत आवश्यक है। इस विकट परिस्थिति में नर्स के पास सिर्फ उसकी आंतरिक ऊर्जा ही कवच का काम करती है । जो मरीजों के जीवन में नर्स का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है । कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के पास कोई अपना या रिश्तेदार नहीं जा सकता एक नर्स ही है जो एक मां की तरह जान खतरे में डालकर सेवा में लगी हुई है। वास्तव में समाज को उसका स्वागत करना चाहिए किंतु कहीं कहीं पर इन स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला हो रहा है जो निंदनीय है।उन्होंने आगे कहा कि फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्मदिन पर नर्सिंग डे मनाया जाता है 1820 में इटली के फ्लोरेंस में नाइटेंगल का जन्म हुआ था। उन्हें आधुनिक नर्सिंग का संस्थापक माना जाता है। 13 अगस्त 1910 को नाइटेंगल का निधन हो गया फिर भी सन 1965 से नर्सिंग डे अनवरत मनाया जाता है।