शिवपुरी में बिजली गिरने से दो की मौत
भोपाल। प्रदेश में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के शिवपुरी जिले में बिजली गिरने से दो की मौत हो गई। प्रदेश के विदिशा, सागर, राजगढ़, गुना, सीहोर और हरदा जिले में आंधी चलने के साथ ही बारिश और ओलावृष्टि होने से खेतों में कटी पड़ी फसलें भींगने से गेहूं, चना और धनिया की फसल को नुकसान पहुंचा। मौसम के बदले मिजाज ने शिवपुरी में दो लोगों की जान चली गई। रन्नौद के मुडरी निवासी रमेश आदिवासी सुबह करीब 10.30 बजे ससुराल के बाहर खड़ा था। अचानक बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई वहीं पोहरी थाना क्षेत्र में आने वाले चकराना गांव में रहने वाला राजू धाकड मोटर साइकिल से पोहरी से चकराना आ रहा था तभी रास्ते में आकाशीय बिजली गिरने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम किया है। उधर विदिशा जिले के शमशाबाद क्षेत्र के छह गांवों में बारिश के साथ 10 मिनट तक ओले गिरे। खेतों में कट रही गेहूं और चने की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। जिन क्षेत्रों में ओले नहीं गिरे, वहां आंधी चलने के कारण गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई। राजगढ़ जिले के सारंगपुर, सुल्तानिया और नरसिंहगढ़ क्षेत्र में करीब 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे। सीहोर के श्यामपुर क्षेत्र के कई गांवों में शाम करीब 5=30 बजे तेज बारिश होने के साथ बेर के आकार के ओले गिरे।सागर शहर और आसपास के गांवों में तेज बारिश के साथ करीब तीन मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे। गुना के आरोन क्षेत्र के कई गांवों में बारिश के साथ करीब पांच मिनट तक ओलावृष्टि हुई। अशोकनगर, होशंगाबाद में शाम को बारिश हुई। छिंदवाड़ा और बैतूल में बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। इधर हरदा शहर सहित जिले के हंडिया, रहटगांव, नीमगांव क्षेत्र में आंधी चलने के साथ बरिश और करीब 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई, जिससे खेतों में कट रही चना और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। ग्वालियर- चंबल अंचल और बुंदेलखंड में गुरुवार शाम आंधी और शुक्रवार सुबह बारिश से सरसों और गेहूं की फसलें प्रभावित हुई हैं। मुरैना और भिंड में आंशिक असर हुआ है परंतु शिवपुरी के सिरसौद, करैरा, पिछोर और श्योपुर के सोईंकला और ददूनी गांव में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। सरसों भी लगभग पकने के लिए तैयार थी। इसके फूल आंधी के कारण झड़ गए हैं। टीकमगढ़ और छतरपुर जिलों में खेतों में पककर खड़ी गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक शाजापुर में पांच, जबलपुर में 3.4, ग्वालियर में 1.1, खरगोन, दमोह में एक, इंदौर में 0.2 मिलीमीटर बरसात हुई। भोपाल, राजगढ़, गुना, सागर, नौगांव, छिंदवाड़ा में बूंदाबांदी हुई। बादल छाए रहने के साथ ही तेज हवा चलने और बारिश के कारण प्रदेश में अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी माह के मध्य से ही लगातार पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है। इनकी वजह से मार्च माह की शुरुआत में जहां गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिले, वहीं अब बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 13 मार्च और 16 मार्च को एक के बाद एक कर दो पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में दाखिल होने वाले हैं। इन सिस्टम के प्रभाव से मध्यप्रदेश का मौसम एक बार फिर बिगड़ेगा। इससे 18 मार्च से आंधी-पानी का एक और दौर शुरू हो सकता है।मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पाकिस्तान पर बने पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तरी राजस्थान पर प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। उधर उत्तरी महाराष्ट्र पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन तीन सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से मध्यप्रदेश में हवाओं के साथ बड़े पैमाने पर नमी आ रही है। इससे राजधानी सहित प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर रहे हैं।