अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानि आईएमएफ द्वारा कोटा नहीं बढ़ाए जाने से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निराशा प्रकट की। वित्त मंत्री ने आईएमएफ की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 15वीं आम समीक्षा के तहत कोटा नहीं बढ़ाने से और पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने से हम निराश हैं। हालांकि उन्होंने इसे तात्कालिक झटका बताया और कहा कि हमें उम्मीद है कि समीक्षा के अगले दौर की चर्चा में कोटा बढ़ाने में सफलता मिलेगी। आईएमएफ का कोटा कोष का मुख्य सोर्स है। कोटा को चार सूत्रीय विधि से बांटा जाता है।
अधिकतम वित्तीय समर्थन की उम्मीद
इसमें जो देश सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं उनकी जीडीपी, आर्थिक खुलापन, आर्थिक विविधता और अंतरराष्ट्रीय भंडार को देखा जाता है। आईएमएफ के सदस्य देश को कोटा मिलने से उसकी वोटिंग पावर आदि तय होती है साथ ही अधिकतम वित्तीय समर्थन की उम्मीद बढ़ जाती है। आईएमएफ में शामिल होने वाले देश को उसके समकक्ष वाले आर्थिक आकार और विशेषताओं वाले अन्य सदस्यों देश को मिले कोटे के आसपास शुरुआती कोटा दिया जाता है। हर 5 साल बाद इसकी समीक्षा की जाती है।
भारत का कोटा 2.76 फीसद
आईएमएफ में भारत का कोटा 2.76 फीसद है। अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा 17.46 फीसद है, जबकि चीन का कोटा फीसद है। सीतारमण ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता को लेकर कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत पूरी गति से चल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही समझौता हो जाएगा।