नई दिल्ली। उत्तर भारत में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। इस बीच उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 50 से अघिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अब भी मॉनसून का इंतजार किया जा रहा है। वर्षा के दौरान बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 37 लोगों की मौत हो गई है, जबकि इसकी चपेट में आने से दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से 2 मासूम बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि आठ मवेशी भी इसकी चपेट में आकर मारे गए हैं।
कानपुर देहात में 2 महिलाओं सहित 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद में 3 और कौशांबी में 2 लोगों की मौत हो गई है। मिर्जापुर में एक बच्चे की झुलसने से मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकाशीय बिजली की चपेट में आकर हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। साथ ही जिला प्रशासन को घायलों को समुचित इलाज देने का आदेश दिया है। राजस्थान के जयपुर, झालावाड़ और धौलपुर जिलों में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 18 लोगों की मौत होने की खबर है। राज्य के अलग-अलग गांवों में हुई घटनाओं में छह बच्चों सहित 21 लोग घायल भी हुए हैं। जयपुर में आमेर किले के पास आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि आठ अन्य लोग घायल हुए हैं।
झालावाड़ जिले के गरडा गांव में बिजली गिरने से एक पेड़ के नीचे अपने पशुओं के साथ खड़े 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि 5 लोग घायल हो गए हैं। घटना में एक गाय और करीब 10 बकरियों की भी मौत हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि कोटा, धौलपुर, झालावाड़, जयपुर और बारां में बिजली गिरने से हुई जनहानि बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रभावितों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, ईश्वर उन्हें सम्बल प्रदान करें। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र सहायता उपलब्ध करवाएं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने दुख व्यक्त करते हुए लोगों से जान-माल की सुरक्षा के लिए सावधानी और सतर्कता बरतने की अपील की है।
देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में मॉनसून का इंतजार जारी है। आईएमडी ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून को दिल्ली सहित उत्तर भारत में 10 जुलाई तक दस्तक देना था, लेकिन रविवार शाम तक ऐसा नहीं हुआ। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि दिल्ली के ऊपर मॉनसून के सक्रिय होने की अनुकूल परिस्थितियां हैं, क्योंकि पूर्वी हवाओं की वजह से हवा में आर्द्रता बढ़ गई है और सोमवार को अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं। मध्य दिल्ली में एक जून से लेकर अब तक केवल 8.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य 125.1 मिमी से 93 प्रतिशत कम है। दिल्ली में अब तक मॉनसून के दौरान होने वाली सामान्य बारिश से 64 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
इस बार दिल्ली में मॉनसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग की ओर से की गई भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। हालांकि आईएमडी के ताजा बयान के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। केरल में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के सक्रिय होने से रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई। मौसम विभाग ने पांच उत्तरी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी ने केरल और गुजरात के मछुआरों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी करते हुए उन्हें अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।
उधर, उत्तराखंड में हो रही बारिश मुसीबत का सबब बन गई है और भूस्खलन के चलते एक गांव में मकान ढह जाने से आठ वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं कुमाऊं में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 रविवार की सुबह तीन जगहों पर बंद हो गया।