भारत के कश्मीर को लेकर पाकिस्तान आएं दिन अर्नगल बयानबाजी करता आ रहा है। इसी के चलते कश्मीर मामले को लेकर भी अंर्तराष्ट्रीय दबाब बनाने की पाकिस्तान की कोशिश असफल होती रही है। इसी के चलते अंतर्राष्ट्रीय दबाव और जांच से बचने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदल लिया है। पाकिस्तान में अपने जिहादी प्रशिक्षण गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने और जांच से बचने के लिए आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदलकर मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर रख लिया है।

मसूद अजहर के छोटे भाई के पास समूह की कमान
इसकी कमान मसूद अजहर के छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के पास है। आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है, जो पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज उस्मान-ओ-अली में बीमार है। भारत में काउंटर टेरर एजेंसियों के मुताबिक, जैश एक नए नाम के साथ फिर से उभरा है मगर उसका नेतृत्व और आतंकवादी कैडर वही है। इसे पहले खुद्म-उल-इस्लाम और अल रहमत ट्रस्ट के रूप में जाना जाता था। जैश के नए अवतार मजलिस वूरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर (जिसका मतलब जम्मू और कश्मीर के शहीदों के वंशजों का जमावड़ा है) का झंडा भी वही है, इसमें केवल एक शब्द का बदलाव है।

370 हटाए जाने के बाद से बौखलाया पा​क
इसमें केवल अल-जिहाद की जगह अल-इस्लाम शब्द जोड़ा गया है। इसके एक नेता मौलाना आबिद मुख्तार ने इस साल अपनी कश्मीर रैलियों में भारत, अमेरिका और इजरायल के खिलाफ पहले ही जिहाद का आह्वान किया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद न सिर्फ पाकिस्तान बौखलाया है बल्कि वह आतंकियों की मदद से नापाक हरकतों को अंजाम देने की भी फिराक में है।

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