नई दिल्ली। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। भारत ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बेखौफ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं और उन्हें इसके लिए शह भी मिल रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साथ ही पाकिस्तान स्थित आतंकियों द्वारा किए गए 2008 के मुंबई आतंकी हमले, पठानकोट में वायु सेना अड्डे और पुलवामा हमले की याद दिलाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कभी भी आंतकवादियों को पनाह नहीं देनी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा कि ऐसी दोहरी बातें करने वालों को उजागर करना होगा, जो ऐसे लोगों को सुविधाएं देते हैं, जिनके हाथ मासूमों के खून से रंगे होते हैं। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता करते हुए ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा’ विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों में वृद्धि इस बढ़ती चिंता को सही ठहराती है। जयशंकर ने कहा, ‘हमारे पड़ोस में, आईएसआईएल-खोरासन (आईएसआईएल-के) अधिक ताकतवर हो गया है और लगातार अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान में होने वाले घटनाक्रम ने स्वाभाविक रूप से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘चाहे वह अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूह को प्रश्रय प्राप्त है और वे बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।’ विदेश मंत्री ने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद ”हमारे सामने आ रही समस्याओं को लेकर एक चयनात्मक, सामरिक या आत्मसंतुष्ट दृष्टिकोण नहीं अपनाए। उन्होंने कहा, ‘हमें कभी भी आतंकवादियों के लिए पनाहगाह उपलब्ध नहीं करानी चाहिए या उनके संसाधनों में इजाफे की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। जयशंकर ने कहा कि आईएसआईएल-खोरासन भारत के पड़ोस में अपनी ताकत बढ़ाते हुए पैर पसार रहा है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने परिषद को बताया कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) या आईएसआईएस द्वारा गतिविधयों को अंजाम देने के तौर-तरीकों में बदलाव आया है, जिसमें मुख्य रूप से सीरिया और इराक में पकड़ मजबूत करना शामिल है। उन्होंने कहा, ” यह उभार बेहद खतरनाक है और आईएसआईएल और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सामूहिक प्रयासों के लिए चुनौतियों को बढ़ाता है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व अगले महीने न्यूयॉर्क में हुए 9/11 हमले की 20वीं बरसी मनाएगा। जयशंकर ने कहा, ‘भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्याधिक प्रभावित रहा है। वर्ष 2008 मुंबई हमले के निशान मिटे नहीं हैं। 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले और पुलवामा में हमारे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले की यादें भी ताजा हैं। हमें कभी भी आतंकवाद की बुराई से समझौता नहीं करना चाहिए।’ चीन पर कटाक्ष करते हुए जयशंकर ने परिषद में कहा कि देशों को आतंकवादियों को नामित करने के अनुरोध को बिना किसी कारण के लंबित नहीं रखना चाहिए। जयशंकर ने जनवरी में परिषद में की गई अपनी टिप्पणी की ओर भी इशारा किया, जब उन्होंने आतंकवाद के संकट को सामूहिक रूप से समाप्त करने के उद्देश्य से आठ-सूत्रीय कार्य योजना का प्रस्ताव दिया था। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं ठहराएं और ना ही आतंकवाद का महिमामंडन करें क्योंकि आतंकवादी तो आतंकवादी है, ऐसे में उसका भेद अपने जोखिम पर करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। विदेश मंत्री ने कहा, ‘आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। बैठक के बाद परिषद के अध्यक्ष के तौर पर मीडिया को जारी बयान में जयशंकर ने कहा कि यूएनएससी के सदस्यों ने आतंकवाद के सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण का एक स्वर में समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने आईएसआईएल (दाएश) द्वारा उत्पन्न खतरों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

Previous articleदुनिया अफगानिस्तान की मदद करे न कि अधिक प्रेशर डाले: चीन
Next article2024 में कौन करेगा नरेंद्र मोदी से मुकाबला सोनिया गांधी ने बुलाई विपक्षी नेताओं की बैठक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here