कई दिनों से हमारे देश में बढ़ रही आतंकी घुसपैठ ने लोगों के दिलों में कोहराम पैदा कर दिया है। हर दिन कही न कही से किसी के मौत की खबर और बड़ी घटना को सुन कर कोई के मन में दहशत बढ़ती जा रही है। वहीं लगातार आतंकी हमले से आज हर कोई परेशान है, जंहा लगातार भारतीय सैनिक उनसे जी जान से लड़ रहे है और भारत देश की रक्षा कर रहे है। वहीं अफगानिस्तान में मंगलवार को राजधानी स्थित एक प्रसूति अस्पताल पर तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और ग्रेनेड फेंके, जिसमें दो नवजात समेत पांच लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। वहीं नांगरहार प्रांत में अंतिम संस्कार के दौरान हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 21 लोग मारे गए और 30 घायल हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल के शिया बहुल दश्त-ए-बारची इलाके में मारे गए लोगों में दो नवजात के अलावा दो महिलाएं और एक सुरक्षाकर्मी शामिल है। तीनों हमलावरों को मार गिराया गया है। वहीं मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
अस्पताल के एक हिस्से में इंटरनेशल मेडिकल चैरिटी और मेडिसिन सेन्स फ्रंटियर का भी ऑफिस है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी कर्मी काम करते हैं। माना जा रहा है कि हमलावर के निशाने पर यह लोग थे। जंहा इस बात का पता चला है कि नांगरहार प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्लाह खोगयानी ने कहा कि आत्मघाती हमलावर ने एक स्थानीय पुलिस कमांडर के अंतिम संस्कार के दौरान खुद को उड़ा दिया। दोनों हमलों की जिम्मेदारी फिलहाल किसी आतंकी समूह ने नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे तालिबान का हाथ बताया जा रहा है।
भारत 11 और 12 मई को अफगानिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत महिलाओं, बच्चों और निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए इस बर्बर आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
मिली जानकारी के अनुसार हम बता दें कि बीते सोमवार को ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तरी इलाके में चार बम विस्फोट में एक बच्ची समेत चार लोग घायल हो गए थे। स्थानीय अधिकारियों ने बताया था कि एक बम कूड़ेदान के नीचे और तीन अन्य सड़क किनारे रखे गए थे.।काबुल पुलिस के प्रवक्ता फरदौस फरमर्ज ने बताया था कि सड़क किनारे 10-20 मीटर की दूरी पर बमों को रखा गया था। उन्होंने कहा कि विस्फोट में 12 साल की बच्ची घायल हुई है और पुलिस घटना स्थल की जांच कर रही है। अभी तक किसी ने बम विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है और विस्फोट के निशाने पर कौन था यह पता नहीं चल पाया है। काबुल और उसके आसपास तालिबान और इस्लामिक स्टेट दोनों गुट सक्रिय हैं जो लगातार नागरिकों और फौजियों को अपना निशाना बनाते रहे हैं।