राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था की 15 मार्च से शुरू होने वाली तीन दिवसीय वार्षिक बैठक की कार्यवाही में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक बेंगलुरु में 15-17 मार्च को होगी। प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है जो निर्णय लेने और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए साल में एक बार बैठक करती है। संघ से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी महासचिव (संगठन) बी एल संतोष के इस अहम बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है। संघ के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हालिया हिंसा, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर बौद्धिक सत्र के दौरान चर्चा होने की संभावना है।

पदाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में संघ की दिल्ली इकाई को हिंसा पर विस्तृत जानकारी के साथ आने के लिए कहा जा सकता है। वार्षिक बैठक में संघ को अनछुए इलाकों में पहुंच बनाने और लोगों से संपर्क कायम करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी। संघ ने कहा कि बैठक में शाखाओं में सुधार और प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या में इजाफा समेत संघ के कार्य में विस्तार तथा उनके समेकन के लिए योजना पर भी चर्चा होगी। इसके अनुसार अलग-अलग इकाइयां आगामी वर्ष के लिए अपनी नई कार्यप्रणाली एवं अनुभव को साझा करेंगी। तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश भर से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करेंगे। संघ ने कहा कि विभिन्न इलाकों में काम करने वाले स्वयंसेवक और विभिन्न संगठनों के जरिए समाज के कई वर्गों को अपने अनुभव साझा करने और राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। राष्ट्र सेविका समिति से महिला प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। बैठक का संचालन संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में करेंगे।

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