मदरलैंड संवाददाता, बगहा
वैश्विक महामारी जैसे खतरनाक बीमारी से पूरी दुनिया त्रस्त है। लाखों लोगों ने अपनी जान गवा कर दुनिया की सभी देशों ने इस बीमारी की इलाज के लिए दवा की संशोधन में लगे हुए हैं। बाल्मीकिनगर को सजाने संवारने में ‘लॉक डाउन’ में भी बिहार के विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना सकार की ओर अग्रसरित हो रहा है। बाल्मीकिनगर को बिहार सरकार ने 100 करोड़ का पैकेज दिया है। जिसमें यहां पर्यटक स्थलों पथ से जोड़ा जा रहा है। जिससे सैलानी नदियों और पहाड़ों के दीदार के साथ-साथ धार्मिक स्थलों का भी पर्यटक दर्शन कर सकेंगे। गंडक का एक किनारा भारत है तो दूसरा किनारा नेपाल के हिस्से में है। जिससे पाथवे से जोड़कर देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। देखने वाली बात है कि सभी योजनाओं की समीक्षा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा आकर किया जाता रहा है।
“पाथवे से जुड़कर निखर जाएगी यह पर्यटक स्थल”
प्रकृति की दीदार के साथ-साथ धार्मिक दर्शन भी बाल्मीकिनगर अपने आप में खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यही नहीं उससे भी अधिक धार्मिक रुप से मान्यता प्राप्त है।जिसमें बाल्मीकि आश्रम से लेकर महाकालेश्वर मन्दिर तथा जटाशंकर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। सरकार पाथवे के माध्यम से इन धार्मिक स्थलों को जोड़ रही है। जिससे नदी के किनारे पैदल ही पर्यटक विचरण करते हुए आसानी से घूम सकते हैं तथा दीदार कर सकते हैं। वही नदी के दूसरे छोर से नेपाल की ओर भी बाल्मीकि नगर की खूबसूरती को पर्यटकों द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। अब इस पाथवे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। वहीं इसका दूसरा पार्ट नेपाल में बनना है। अब देखना है कि इस खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के दीदार करने के लिए कितने दिनों तक पर्यटकों को इंतजार करना पड़ रहा है। अधिकारियों को माने तो ‘लॉक डाउन’ टूटने के पश्चात यहां सैलानियों की भीड़ जुटने की अधिक संभावना बनी हुई है।