सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के खिलाफ उसके कुछ वेंडर इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया के बारे में बातचीत कर रहे हैं। उद्यम संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों कंपनियों पर इनके वेंडर्स का करीब 20 हजार करोड़ रुपये बचा है। इन सब के बीच, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन की आखिरी तारीख तीन दिसंबर रख दी है।

टेलीकॉम कमेटी चेयरमैन के मुताबिक
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के टेलीकॉम कमेटी चेयरमैन संदीप अग्रवाल का कथन है कि भारत संचार निगम लिमिटेड BSNL और MTNL पर टेलीकॉम उपकरणों और अन्य वस्तुओं के भाग में इन वेंडर्स का बचा हुआ है। इन सब के अलावा ग्रामीण ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट भारतनेट के लिए सप्लाई किए गए 45 हजार करोड़ रुपये के टेलीकॉम उपकरण और अन्य संबंधित वस्तुओं का पूरा भुगतान नहीं कर सकते है।

बैंकों ने वेंडर्स पर बनाया दबाव
अग्रवाल ने कहा कि BSNL और MTNL का कुल बचा हुआ करीब 20 हजार करोड़ रुपये हैं। इसके भुगतान के लिए बैंकों ने वेंडर्स पर अपना दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह सारे वेंडर्स 19 नवंबर को इसके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले है। इसके बाद अगर 10 दिन के भीतर बकाया का भुगतान नहीं करवाया जाता है तो वेंडर्स BSNL और MTNL के खिलाफ एनसीएलटी कर दिए जायेंगे।

कर्मचारियों को भेजा नोटिस
कर्मचारियों को भेजी गई नोटिस के अनुसार कंपनी के सभी स्थाई और रेगुलर कर्मचारी जिनकी उम्र आने वाली 31 जनवरी को 50 वर्ष या इससे अधिक होती है, यह स्कीम में भाग लेने योग्य हैं। इससे पहले एमटीएनएल ने बताया था कि कंपनी के कुल 22 हजार कर्मचारियों में से करीब 15 हजार इस योजना के लिए योग्य माने गए है।

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