मदरलैंड संवाददाता, पंडौल मधुबनी
आठ साल की साजिया सैयद ने पहला रोजा रख कर मुल्क की सलामती और करोना वाइरस से निजात कि दुआएं
रमजानुल मुबारक में अपना पहला रोजा रखने वाली 8 साल की साजिया सैयद पंडौल प्रखंड अंतर्गत सागरपुर निवासी मोहम्मद नेयाज की पुत्री है प्राइवेट स्कूल में 1 क्लास की छात्रा है साजिया बताती है कि उनका दिन रमजानूल मुबारक के महीने में इबादत में गुजरता है। सहरी में दूध, खजूर खाई थी। उन्होंने बताया कि गर्मी तो बहुत है, लेकिन रोजा पता ही नहीं चला। न तो भूख लगी और न ही प्यास स्कूल की छुट्टियां चल रही है तो घर पर रह रही हूं। इसलिए गर्मी का ज्यादा असर नहीं पड़ा।
अल्लाह हमारे रोजे को कबूल फरमाए। इस मौसम में रोजा 14 घंटे से अधिक का है। छोटे तो दूर बड़े लोग भी रोजा मुश्किल से रख पाते है। ऐसे में इन बच्चों का हौसला काबिले तारीफ है। साजिया कहती हैं कि रहमतों और बरकतों का यह महीना अच्छे कामों का सवाब देने वाला होता है। इस वजह से इस महीने को नेकियों का महीना भी कहा जाता है। इस पाक महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। कुरान शरीफ में रोजे का मतलब होता है तकवा। यानी बुराइयों से बचना और भलाई को अपनाना। सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं होता है।