मदरलैंड संवाददाता,
छपरा । मढ़ौरा नगर स्थित निजी क्लीनिक अगरोग्य सेवा सदन में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गयी।जिसके बाद मृतक के परिजनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए चिकित्सक पर गलत इलाज का आरोप लगाकर क्लीनिक पर जमकर हंगामा व तोड़फोड़ किया।पीड़ित महिला का घर शहर से नजदीक ही था, जिससे ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पाकर स्थानीय डीएसपी इंद्रजीत बैठा, थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर हीरा लाल प्रसाद ने दलबल के साथ पहुंचकर स्थिति को सामान्य किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया।मृतक स्थानीय थाना क्षेत्र के भावलपुर दक्षिण टोला निवासी कमलेश मिश्रा की 29 वर्षीय पत्नी बबिता देवी बताई गयी है।मृतक महिला को एक 13 दिन का नवजात बच्ची भी होने की बात बताई गई है, जिसके माथे से मां का साया उठ गया। परिजन बता रहे थे कि वे लोग बीमार महिला को शनिवार को मढ़ौरा रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां पर सरकारी चिकित्सक डा.विरेश कुमार ने बेहतर इलाज का भरोसा दिलाकर अपने निजी क्लीनिक में बुला लिए । रविवार की सुबह महिला का सीटी स्कैन के लिये पटना भेजे और वही से रिपोर्ट मोबाइल पर दिखाने को बोला गया। रिपोर्ट देखकर डाक्टर साहेब बोले कि आपलोग महिला को लेकर आ जाइये,यही पर इलाज से ठीक हो जाएगा । लेकिन बाद मे इलाज के दौरान सोमवार सुबह महिला की मौत हो गई। मामले में मृतक महिला के पति कमलेश मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज कराया है, जिसमें इलाज में लापरवाही से महिला की मौत के लिये चिकित्सक विरेश कुमार को दोषी बताया गया है।थाने में प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन में कहा गया है कि सूचक कमलेश मिश्रा ने महिला का इलाज करने के लिये पहले तीन लाख और बाद में दो लाख यानी कुल पांच लाख रुपया डॉक्टर ने जमा करा लिया था।इधर इलाज कर रहे चिकित्सक ने कहा कि महिला को शनिवार की रात में उनके यहा गंभीर स्थिति में लाया गया था । संदेह होने पर महिला को सीटी स्केन के लिये पटना भेजा गया,जिसमें ब्रेन हेम्रेज का पता चला था। महिला के परिजन पटना से लेकर आ गये थे और गरीबी का हवाला देते हुये इलाज करने का आग्रह किया था। रक्त जांच में महिला में हीमोग्लोबिन की भी कमी थी, परिजन को रक्त का का इंतजाम करने को कहा गया था, लेकिन समय से रक्त का इंतजाम नही होने से उसकी मौत हो गयी।वहीं उक्त मामले में थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर हीरा लाल प्रसाद ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम में भेज दिया गया है।पीड़ित पक्ष से दिये आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच व कार्रवाई की जाएगी।