भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पीएसएलवी सी48 को 11 दिसंबर को भारतीय समयानुसार 3.25 बजे लॉन्च करेगा। यह उपग्रह मुख रूप से बल्बनुमा पेलोड फेयरिंग की विशेषता से लौस है जिसमें RISAT 2BR1 और नौ अन्य देशों के उपग्रह हैं। इसरो यह उपग्रह भी आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा। पीएसएलवी सी48 की तस्वीर सोमवार को इसरो ने जारी की।

‘डूचीफैट-3’ रिमोट सेन्सिंग उपग्रह
वहीं छात्रों के अनुसार यह एक फोटो सैटेलाइट है, जिसका काम पृथ्वी के वातावरण का अध्ययन होगा, इसका लाभ किसान भी ले सकेंगे। प्रोजेक्ट के प्रायोजकों में शामिल जीव मिलर ने बताया कि ‘डूचीफैट-3’ रिमोट सेन्सिंग उपग्रह है, इसके जरिए देश के वायु व जल प्रदूषण और जंगलों के हालात की निगरानी भी की जा सकती है। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दो महीने पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम को लैंड करने की कोशिश की थी, जिसमें उसे बेशक सफलता नहीं मिली लेकिन इसके बाद 27 नवंबर को इसरो ने एक नया कीर्तिमान रचा। एजेंसी ने पीएसएलवी-सी47 के जरिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिकी की 13 नैनोसैटेलाइट को सफलतापूर्व लॉन्च किया।

300 से ज्यादा सैटेलाइट्स लांच
बता दें कि दो दशकों में 33 देशों के 300 से ज्यादा सैटेलाइट्स को लॉन्च करना इसरो के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की टीम को बधाई दी थी। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट लॉन्च होने के 17 मिनट बाद कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक 509 किलोमीटर में अतंरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। अगले 10 मिनट बाद उसने अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों को उनकी संबंधित कक्षाओं में स्थापित कर दिया था। यह दुश्मन की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखेगा।

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