मदरलैंड संवाददाता,

इसुआपुर:- बिहार सरकार द्वारा बिहारी प्रवासी मज़दूरों को दूसरे राज्यों से बुलाकर सभी प्रवासियों को 21 दिन के लिए नज़दीकी स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जहां उन्हें खाने-पीने, रहने-सोने, के साथ-साथ और भी कई सुविधाए राज्य सरकार द्वारा मज़दूरों को दिया जा रहा है। हालांकि यह सारी सुविधाएं क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहें लोगों तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकार की यह सारी सुविधाएं जो क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को देना है। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा हमलोगों के लिए भेजा गया सरकार की कोई सुविधा नहीं मिल रहा है। और अभी तक कोई भी मुखिया, वार्ड सदस्य, एवं प्रशासनिक अधिकारी देखने तक को नही आया है। जब बिहार सरकार स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटरों की देख-रेख के लिए इन मुखिया, वार्ड सदस्य, और प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेवारी दी है तो यह सारे अभी तक क्यों नहीं आये हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण शामपुर सिदिअरी स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में दिखाई दे रहा है। यहां पर क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के पास ना तो बिछावन हैं और ना ही खाने-पीने की कोई सुविधा, यहां क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे लोगों को घर से खाना मंगाकर खाना पड़ रहा है। अब ऐसे में बिहार सरकार पर सवाल खड़े होते हैं कि जब इन बिहारी प्रवासी मज़दूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के लिए सारी व्यवस्था सरकार कर रही है तो वह सारी सरकारी सुविधाएं इनके तक पहुँच क्यू नही पा रहा है। क्या सरकार झूट बोल रही है या सरकार के द्वारा भेजा गया सारी सुविधाएं नजर क्यों नहीं आ रही है।

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