उत्तर प्रदेश में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के 1134 मामले हैं। कुल 1294 मामलों में से 140 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में प्रभावित 53 जिलों में से नौ जिले ऐसे है जिनमें एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। राज्य के 44 जिले कोरोना वायरस प्रभावित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नौ जिलों में कोरोना वायरस का भी मामला नहीं हैं। प्रदेश के 53 जिलों से अब तक कोरोना वायरस के 1294 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 1134 लोगों का इलाज चल रहा है। अब तक 140 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15 जांच प्रयोगशाल हैं। उन्होंने बताया कि कल 3039 नमूने जांच के लिए भेजे गये, जिसमें से 2800 नमूनों की जांच की गयी। अब तक 34,285 लोगों के नमूनों की जांच की गई जिनमें से 32,991 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 1,242 लोगों को पृथक वार्ड में रखा गया है।

इससे पहले अपर मुख्य सचिव गृह और सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया ‘‘आपात सेवा कहां हो, और कहां पर नहीं, इसका निर्धारण चिकित्सा विभाग ने कर दिया है। अगर कहीं कोई बीमार है तो किसी भी सूरत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित अस्पतालों के अलावा और कहीं भी न जाएं। किसी भी गैर अनुमोदित अस्पताल के आपात वार्ड में न जाएं।” उन्होंने कहा, ”गैर अनुमोदित अस्पताल के आपात वार्ड में जाने पर उन अस्पतालों से दूसरों को भी खतरा हो सकता है। केवल जहां पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ हैं, वहीं आपात सेवाओं की अनुमति दी गयी है। इस बारे में शासनादेश भी जारी हो चुका है।” अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के उपचार के लिये ‘प्लाज्मा थेरेपी’ के बारे में आयी खबरों के मद्देनजर राज्य में भी इस थेरेपी पर काम करने के लिये प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री को यह बताया गया कि प्रदेश में दो जगह इस थेरेपी पर काम हो रहा है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने आज ‘टीम-11’ की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पृथक-वास में रखे गये लोगों को भी आवश्यक दूरी बनाये रखने की जरूरत है। रायबरेली में पृथक रखे गये लोगों की एक बार निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद दोबारा हुई जांच में वे कोविड-19 संक्रमित पाये गये हैं। अवस्थी के मुताबिक योगी ने कहा कि हॉटस्पॉट घोषित किये गये इलाकों में पूरी टेस्टिंग हो और उनके बाहर भी टेस्टिंग करायी जाए। जिन क्षेत्रों में आवश्यकता हो तो उसमें ‘पूल टेस्टिंग’ करायी जाए। चूंकि कानपुर में टेस्टिंग का भार ज्यादा है, इसलिये वहां विशेष व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक करोड़ लोग आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। ऐप में जो अलर्ट देने की व्यवस्था है, तो लगभग 200 अलर्ट भी आ चुके हैं। इसका वास्तविक उपयोग भी स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी करेंगे। साथ ही इस ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिये भी यह उपयोगी होगा।

 

 

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