रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के आमरण अनशन को प्रदेश सरकार ने हास्यास्पद करार दिया है। सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा और भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने साझा प्रेस वार्ता में कहा कि केन्द्रीय विद्यालय के नाम पर उपेन्द्र कुशवाहा का अनशन विशुद्ध रूप से सियासी है। वे खुद भी दिग्रभ्रमित हैं और राज्य के लोगों में भी भ्रम फैलाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि साल 2005 से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में बिहार में जो अनगिनत सराहनीय काम किये हैं, कुशवाहा उसका क्रेडिट लेना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले 2007 और फिर 2009 में केन्द्र सरकार को साफ़कर दिया था कि हमारे पास भूमि नहीं है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बिहार में हुए कई सारे कामों की वजह से जमीन की कीमत आसमान छू रही है। किसी भी केन्द्रीय शिक्षण संस्थान के लिए राज्य सरकार भूमि नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि हमने केन्द्र सरकार को 2009 में पत्र भेज कर कहा था कि बिहार में केन्द्रीय विद्यालय की मंजूरी राज्य सरकार की सहमति से दें। इसके बाद भी एकतरफा निर्णय लेते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने 2018 में दो केन्द्रीय विद्यालय मंजूर करा दिया। उन्होंने कहा कि नितीश सरकार की प्राथमिकता में 2950 पंचायतों में 1 अप्रैल 2020 से 9वीं की पढ़ाई शुरू करना है। इन विद्यालयों के लिए भी भूमि नहीं मिल रही, तो 2 केन्द्रीय विद्यालयों को भूमि कहां से देंगे।

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