कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश में तीसरी बार लॉकडाउन घोषित किया गया है।इस लॉकडाउन के चलते लाखों प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग प्रदेशों में फंसे हुए हैं। इन प्रवासी मजूदरों की गृहराज्य वापसी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन तो जारी कर दी है, लेकिन इनको भेजने के बदले में राज्यों से किराया लेने का मामला सियासी रंग लेता जा रहा है।
इस मुद्दे को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस (NC) नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उमर ने ट्वीट करते हुए कहा है कि यदि आप कोरोना संकट में विदेश में फंसे हुए हैं तो सरकार आपको फ्री में वापस लेकर आएगी, लेकिन किसी राज्य में कोई प्रवासी मजदूर फंसा है तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग कॉस्ट के साथ पूरा खर्च वहन करना होगा। यदि ऐसा है तो पीएम केयर्स फंड कहां गया?
मजदूरों से किराए के मामले पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी रविवार को केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था। अखिलेश ने ट्वीट करके कहा था कि ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की खबर बेहद शर्मनाक है। आज साफ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों माफ करने वाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ।