अलीगढ़। देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत अफगानी छात्र इन दिनों बेहद दहसत में हैं। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां पर मोबाइल नेटवर्क बिगड़ गया है। इस वजह से छात्रों का परिजनों से बात नहीं हो पा रही है। छात्रों के अनुसार परिजनों को बातचीत करने के लिए ऐसे इलाके में जाना पड़ रहा है, जहां पर मोबाइल नेटवर्क आता है। यह इलाका काफी दूर होता है, इसलिए रोजाना संपर्क करना संभव नहीं हो पा रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मौजूदा समय में अफगानिस्तान के 23 छात्र अध्ययनरत हैं। पिछले साल कोरोना की वजह से 17 छात्र हॉस्टल से बाहर चले गए थे और 7 हास्टल में रुक गए थे। हालांकि, कोरोना का प्रभाव कम हुआ है, इसलिए एएमयू प्रशासन ने बाहर गए छात्रों को वापस हॉस्टल में लाने की योजना बना रहा है, जिससे उन्हें यहां पर एक अच्छा माहौल दिया जा सके। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद सभी यहां के छात्र डरे हुए हैं। ये छात्र वहां के हालात बताते-बताते रोने लगते हैं। छात्रों का कहना है कि परिजन दहशत के माहौल में रह रहे हैं। ऐसे में न देश छोड़ सकते हैं और न ही वहां रह सकते हैं। अलीगढ़ में रहने वाले सभी अफगानी स्टूडेंट्स दिन में एक बार आपस में मिलने की कोशिश करते हैं, जिससे अगर किसी एक के परिजन से संपर्क न हो पा रहा हो तो दूसरे दोस्त के परिजन स्थानीय स्तर पर उस फैमली का हालचाल मालूम कर बता सकें। स्टूडेंट्स के अनुसार परिजन परेशान हैं, क्योंकि भविष्य में क्या होगा, उन्हें खुद पता नहीं है।
यहां रहने वाले छात्र फिलहाल अफगानिस्तान जाने के मूड में नहीं हैं। उनका कहना है कि हालात ठीक होने के बाद इसके बारे में सोंचेगे। अभी जाने के बाद कहीं ऐसा न हो कि वहां जाकर छात्र फंस जाएं, इस वजह से पढ़ाई भी प्रभावित हो जाएगी। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन लगातार इन छात्रों के संपर्क में है और उन्हें इमोशनल सपोर्ट दे रहा है, जिससे छात्र अपने आप को अकेला न समझें। इस संबंध में एएमयू प्रशासन ने 21 अगस्त को अफगानिस्तान के छात्रों के साथ एक बैठक रखी है।