टोक्यो। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के प्रमुख एंड्रयू पार्सन्स ने कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को टोक्यो पैरालंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार के झंडे को ही फहराया जाएगा तालिबान के नहीं। तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से उड़ाने रद्द होने के कारण से देश की लोकतांत्रिक सरकार के इस देश के झंडे को ‘एकजुटता के संकेत’ के रूप में दिखाया जाएगा। अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद राजधानी काबुल से सभी उड़ानें रद्द होने के कारण अफगानिस्तान के खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में भाग नहीं ले पाये हैं।
पार्सन्स ने कहा कि शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय के प्रतिनिधि मंगलवार को उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्टेडियम में झंडा (अफगानिस्तान) लेकर जाएंगे। हम एकजुटता के संदेश के साथ समारोह में अफगानिस्तान के झंडे को शामिल करेंगे और हमने संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी प्रतिनिधि के उच्चायुक्त को ध्वजवाहक की भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि पैरा-ताइक्वांडो खिलाड़ी जकिया खुदादादी इन खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला पैरा-एथलीट बनीं थी। उन्हें टीम के साथी हुसैन रसौली के साथ यहां प्रतिस्पर्धा पेश करनी थी पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बदल गये। ऐसे में एकजुटता का संदेश देने के लिए ही यह कदम उठाया जा रहा है।