सभी राजनीतिक दलों से उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विकल्प पर विचार पर अपनी सहमति जताने का आवाहन किया है। उपराष्ट्रपति ने यहां एक सम्मेलन में कहा, मैं राजनीतिक पार्टियों से आह्वान करता हूं कि वे गंभीरता से एक साथ चुनाव कराने के विकल्प पर विचार करें और आम सहमति बनाएं।

चुनावों में खर्च होने वाली राशि में आएगी कमी
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस ने एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने में खर्च होने वाली राशि में कमी लाने में मदद मिलेगी और इससे लोगों एवं दलों का लगातार ध्यान भटकाने से रोका जा सकेगा। नायडू ने कहा, ‘सरकारी अधिकारियों की भी जिम्मेदारी होती है जो शासन की सेवाएं मुहैया कराने की मूल जिम्मेदारी और लगातार चुनाव की वजह से वितरण प्रणाली में सुधार से इतर है।

कोई भी वादा करने से पहले पर्याप्त राशि हो..
इसके अलावा उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने में खर्च होने वाली राशि में कमी लाने में मदद मिलेगी और इससे लोगों एवं दलों का लगातार ध्यान भटकाने से रोका जा सकेगा। नायडू ने कहा, ‘सरकारी अधिकारियों की भी जिम्मेदारी होती है जो शासन की सेवाएं मुहैया कराने की मूल जिम्मेदारी और लगातार चुनाव की वजह से वितरण प्रणाली में सुधार से इतर है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा वित्तीय स्थिति का आकलन किए बिना लोकलुभावन वादे करने पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे निपटने के लिए एफआरबीएम (FRBM) अधिनियम जैसे कानून बनाए जा सकते हैं। हम यह कानून बना सकते हैं कि कोई भी वादा करने से पहले पर्याप्त राशि हो।

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