नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मिल्खा सिंह को याद करते हुए कहा कि, कुछ दिन पहले कोरोना ने प्रसिद्ध एथलीट मिल्खा सिंह को हमसे छीन लिया। जब वह अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला। मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी ओलंपिक के लिए टोक्यो जा रहे हैं, तो आपको हमारे एथलीटों का मनोबल बढ़ाना है।
पीएम मोदी ने कहा दुर्भाग्य से वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हमारी स्मृति में उनकी मौजूदगी बनी रहेगी और वह भविष्य में भी हमारे खिलाड़ियों के प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। टोक्यो ओलंपिक को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि टोक्यो जा रहा हर खिलाड़ी लंबे संघर्ष में तप कर विकसित हुआ है, वे आज जहां हैं, उसके पीछे उनकी बरसों की मेहनत रही है। वे सिर्फ अपने लिए टोक्यो नहीं जा रहे हैं, वे देश के लिए ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं। इन खिलाडियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है।
मन की बात के 78 वें एपिसोड को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण पर जोर दिया और ग्रामीण इलाकों में जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन अभियान तेजी से बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, 21 जून को वैक्सीन अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज़्यादा लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी बना दिया वह भी एक दिन में।
पीएम मोदी ने कहा कि एक साल पहले सबके सामने सवाल था कि वैक्सीन कब आएगी? आज हम एक दिन में लाखों लोगों को मेड इन इंडिया वैक्सीन मुफ्त में लगा रहे हैं। यही तो नए भारत की नई ताकत है। कभी-न-कभी यह विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों, हमारे वनवासी-आदिवासी भाई-बहनों ने कोरोना काल में किस तरह अपनी सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया। गांव के लोगों ने क्वारंटीन सेंटर बनाए, स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल बनाए।