नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में एक एचआईवी पॉजिटिव महिला के अंदर कोरोना वायरस 216 दिन तक रहा और इस दौरान वायरस में 30 बार म्यूटेशन हुआ। बिजनेस इनसाइडर ने एक स्टडी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है दक्षिण अफ्रीका की एक 36 वर्षीय एचआईवी पॉजिटिव महिला में वायरस का इंफेक्शन 216 दिन तक रहा। इस दौरान सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान वायरस में 32 बार म्यूटेशन हुआ है। अगर ऐसे और मामले मिलते हैं तो इससे आशंका नजर आएगी कि एचआईवी इन्फेक्शन नए वेरिएंट का सोर्स हो सकता है।
बताया गया कि सबसे पहले महिला को लक्षण दिखाई दिया तो उसका टेस्ट कराया गया और वह पॉजिटिव निकली। शुरुआती इलाज के बाद भी महिला में हल्के-फुल्के लक्षण थे, लेकिन वायरस उसके अंदर ही मौजूद रहा। फिर वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 13 बार म्यूटेशन हुआ, इसी स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर ही ज्यादातर वैक्सीन वायरस पर असर करती हैं। इस महिला का मामला तब पता चला जब महिला 300 एचआईवी पॉजिटिव लोगों पर की गई स्टडी में शामिल हुईं। ऐसे मरीजों में वायरस लंबे वक्त तक रहता है जिससे उसे म्यूटेट होने का मौका मिलता है। टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया कि इलाज के बाद भी वायरस महिला के अंदर मौजूद था। स्टडी में यह भी बताया गया कि चार और लोगों में कोरोना वायरस एक महीने से ज्यादा समय के लिए था, लेकिन यह अपनी तरह का अनोखा मामला है। एक तथ्य यह भी है कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनमें पहले भी लंबे वक्त तक वायरस देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह स्टडी अहम साबित हो सकती है, खासकर अफ्रीका के लिए जहां 2020 में दो करोड़ से ज्यादा लोगों को एचआईवी था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बढ़ते मामलों पर चेतावनी दी है कि यहां तीसरी लहर का खतरा दिखाई दे रहा है। ऐसे मामले ‘लॉन्ग कोविड’ के श्रेणी में आते हैं। दरअसल, मरीजों में लंबे समय तक कोरोना वायरस का रहना जिसे ‘लॉन्ग कोविड’ कहा जा रहा है, लॉन्ग कोविड को मोटे तौर पर ऐसे परिभाषित किया जाता है कि ऐसा कोई लक्षण हो जो चार हफ़्तों से अधिक तक चल जा रहा है। इसमें कोरोना के लक्षण लगातार बढ़ने की दिशा में हो सकते हैं, ऐसा हो सकता है कि लक्षण दोबारा वापस लौटकर आएं या ऐसे लक्षण आएं जो पहले नहीं थे।

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