राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस ने अवैध विदेशियों के लिए अपने सख्त रूख को फिर जाहिर किया है। संघ के महासचिव सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू होना चाहिए। इसके अलावा उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जो विदेशी नागरिकों के तौर पर भारत आए हैं और उन्होंने भारतीयों को नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया है। ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा, एनआरसी तैयार करना हर सरकार का काम है।

सरकारी योजना बनाकर देशभर में लागू कर सकते हैं एनआरसी
बहुत तरह से घुसपैठ हुई है। इसीलिए यह जरूरी है कि पहले एनआरसी तैयार की जाए और उन लोगों की पहचान की जाए जो भारतीय नागरिक नहीं हैं और फिर एक मसौदा तैयार करना चाहिए ताकि इसका फैसला किया जा सके कि उनका क्या करना चाहिए। एनआरसी का अभी प्रयोग सिर्फ असम राज्य में हुआ है। सरकारी योजना बनाकर देशभर में भी कर सकते हैं, करना चाहिए। जोशी से जब पूछा गया कि क्या यह किसी एक विशेष समुदाय के खिलाफ है तो उन्होंने कहा, इसके किसी एक समुदाय के खिलाफ होने का कारण नहीं है।

अयोध्या विवाद में हिंदुओं के पक्ष में निर्णय आने की उम्मीद
उन्होंने कहा, हमारा स्टैंड पहले से रहा है कि अंदर जो आते हैं वो नागरिक नहीं हैं। देश के नागरिक नहीं हैं तो विदेश के नागरिक हैं। उनकी पहचान विदेश के नागरिक के रूप में करनी चाहिए। उनके बारे में क्या फैसला करना है वह सरकारी नीति पर निर्भर करेगा। इससे एक हफ्ते पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि राष्ट्रवाद लोगों को डराता है क्योंकि वह तुरंत इसे हिटलर और मुसोलिनी से जोड़ देते हैं। लेकिन भारत में राष्ट्रवाद ऐसा नहीं है क्योंकि यह राष्ट्र अपनी सामान्य संस्कृति से बना है। आरएसएस नेता ने अयोध्या विवाद में हिंदुओं के पक्ष में निर्णय आने की उम्मीद जताई है।

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