नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तमिलनाडु सरकार को राज्य के विरुधुनगर जिले में एक इलाके का पर्यावरण संबंधी वहन क्षमता अध्ययन कराने का निर्देश दिया है, जहां फरवरी में एक पटाखा फैक्टरी में विस्फोट से 19 कामगारों की मौत हो गई थी। ‘वहन क्षमता’ अध्ययन से इस सवाल का समाधान मिल सकता है कि किसी क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्राकृतिक संसाधनों का कितना इस्तेमाल हो सकता है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने औद्योगिक सुरक्षा के निदेशक को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ तालमेल से तीन माह में यह अध्ययन करने को कहा है। आगे कार्रवाई के लिए यह रिपोर्ट तमिलनाडु के मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी। पीठ ने कहा आकस्मिक, व्यावसायिक और पर्यावरणीय खतरों की आशंका के संबंध में ऐसी गतिविधियों की सीमा को बनाए रखने के लिए क्षेत्र की ‘वहन क्षमता’ के अध्ययन की आवश्यकता है।
एनजीटी ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को ई-मेल के जरिए चार महीने बाद निर्देशों की तामील पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व ठोस तथ्य जुटाने के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी थी और उसे विरुधुनगर जिले में पटाखा फैक्टरी में विस्फोट पर रिपोर्ट देने को कहा गया था। जिले के अचानकुलम गांव में 12 फरवरी को पटाखा निर्माण के दौरान कुछ रसायनों के मिश्रण के कारण विस्फोट हुआ था।

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