दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखा है। इसमें डॉक्टरों की एसोसिएशन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इससे संबंधित तैयारियों को लेकर अपनी चिंताओं को जिक्र किया है। इस खत में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीपमेंट) किट का मुद्दा भी उठाया गया है।

बता दें कि इससे पहले शनिवार को ही एम्स ने संस्थान में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीपमेंट) किट की कमी के आरोप को गंभीरता से लिया है। इस मामले में एम्स प्रबंधन ने संस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिसएशन (आरडीए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भट्टी पर संस्थान की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि डॉ. हरजीत संस्थान से अब किसी भी स्तर पर जुडे़ हुए नहीं है। उनका ट्वीट संस्थान की छवि खराब करने वाला है। एम्स ने संस्थान में पीपीई किट की कमी होने से इनकार किया है।

एम्स ने कहा है कि सरकार, स्वास्थ्यकर्मी व देशभर के लोग कोरोना की महामारी से निपटने में लगे हुए हैं। वहीं कुछ बाहरी लोग एम्स की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना ही नहीं बल्कि अस्पताल आधारित हर तरह के संक्रमण से कर्मचारियों का बचाव करना संस्थान की प्रमुखता रही है। इस बाबत डॉ. हरजीत भट्ठी ने कहा कि उन्होंने एम्स के डॉक्टर होने का कोई दावा नहीं किया। साथ ही एम्स के डॉक्टर के नाते कोई आरोप भी नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने वही कहा जो बात एम्स आरडीए उठा रही है।

 

 

 

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