जम्मू। जम्मू में एयरपोर्ट के पास वायुसेना के परिसर में हमले की अब तक हुई जांच से पता चला है कि ड्रोन विस्फोटक गिराने के बाद लौट गए थे। सूत्रों ने बताया कि टारगेट पर विस्फोटक गिराने के बाद ड्रोन के हैंडलर्स ने इसे वापस खींच लिया। सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल पर जांच कर रहे अधिकारियों को अब तक ड्रोन का कोई पार्ट नहीं मिला है। इससे पता चलता है कि एयरबेस पर हमले के लिए जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल हुआ वे विस्फोटक गिराकर चले गए। हैंडलर्स ने ड्रोन को विस्फोटक के साथ एयरबेस के ऊपर भेजा और विस्फोटक गिराते ही इन्हें वापस मोड़ दिया। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी नेशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स पुलिस, एयरफोर्स सहित कई एजेंसियां देश में अपनी तरह के पहले हमले की जांच में जुटी है। देश में पहली बार आतंकियों की ओर से किए गए ड्रोन हमले में किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इसमें एयरफोर्स के ढांचे को नुकसान पहुंचाने की क्षमता थी। जांचकर्ता इस संभावना के तहत भी जांच कर रहे हैं कि ड्रोन्स को जम्मू में ही आसपास के किसी लोकेशन से लॉन्च किया गया हो। रविवार रात को भी दो ड्रोन सैन्य ठिकाने के पास उड़ते हुए देखे गए। सेना ने गोलीबारी की लेकिन इसे पकड़ा नहीं जा सका। हैंडलर्स ने तुरंत ही ड्रोन को पीछे खींच लिया। वायुसेना यह सुनिश्चित करने की हरसंभव कोशिश कर रही है कि किसी और स्थान पर घटना को अंजाम ना दिया जा सके। एयरफोर्स ने सूचना दी थी कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में कम तीव्रता के दो धमाके हुए हैं। एक धमाके से इमारत की छत को कुछ नुकसान पहुंचा है तो दूसरा एक खुले इलाके में गिरा। एयरफोर्स की ओर से बताया गया है कि किसी उपकरण को नुकसान नहीं हुआ है। घटना की जांच जारी है।

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