नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विद्यालय (एसओएल) में लंबे समय से टीचिंग व नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्ति व पदोन्नति नहीं की गई है। इस मामले को लेकर दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) का एक प्रतिनिधिमंडल एसओएल के प्रिंसिपल प्रोफेसर उमाशंकर पाण्डेय से भी मिला। प्रतिनिधिमंडल डीटीए प्रभारी डॉ हंसराज सुमन के नेतृत्व में उनके कार्यकाल में उन्हें एक ज्ञापन व मांग पत्र दिया। मांग पत्र में मांग की गई है कि एसओएल में जल्द से जल्द टीचिंग व नॉन टीचिंग रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए। डॉ। सुमन ने प्रोफेसर पाण्डेय को बताया है कि मुक्त शिक्षा विद्यालय में पिछले तीन दशक से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई।
यहां शिक्षकों के लगभग 80 पदों पर नियुक्ति होनी है। यहां 70 से 75 फीसदी शिक्षकों की सीटें खाली पड़ी हुई है।
इन पदों में सबसे ज्यादा आरक्षित वर्गों की है, एससी,एसटी और ओबीसी कोटे के पदों पर अभी तक यहाँ कोई नियुक्ति नहीं हुई है। उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हर जगह शिक्षकों की एडहॉक पदों पर नियुक्ति हुई, लेकिन एसओएल में नहीं हुई जिसके कारण आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों का बैकलॉग बढ़ा है। एसओएल प्रिंसिपल प्रोफेसर पाण्डेय ने डीटीए प्रभारी को आश्वासन दिया है कि उन्होंने टीचिंग व नॉन टीचिंग के रिक्त पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय को रोस्टर रजिस्टर भेजा हुआ है। रोस्टर रजिस्टर के पास हो जाने पर तुरंत नॉन टीचिंग के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि एसओएल में लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पहले पदों का विज्ञापन देकर उसे स्क्रीनिंग व स्कूटनी होने के बाद शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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