मध्य्प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने राज्यपाल से मिलकर लोकतंत्र बचाने की अपील की। इतना ही नहीं, बाबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार पर आसन्न संकट के बीच राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की मुलाकात पर सभी की नजरें थीं, लेकिन, बुखार आने के कारण स्पीकर प्रजापति राजभवन नहीं पहुंच पाए। उनकी ओर से राजभवन को इस संबंध में संदेश भेज दिया गया। दोपहर में नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा कुछ साधुओं के साथ राज्यपाल टंडन से मिलने राजभवन पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित पत्र भी राज्यपाल को सौंपा जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे कार्यों को लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला बताया।
पिछली शिवराज सरकार में शामिल रहे कंप्यूटर बाबा ने पूर्व मुख्यमंत्री चौहान पर ही जोरदारर निशाना साधा है, साथ ही मोदी से यह मांग भी की है कि अपनी छवि स्वच्छ बनाए रखने के लिए चौहान को पार्टी से निष्कासित कर जनता जनार्दन को अपनी कथनी-करनी की समानता का परिचय दें। यह भी आरोप लगाया है कि मप्र में भाजपा के प्रमुख नेता हर प्रकार से अनैतिक कार्यों को अंजाम देकर सत्ता पाने के लिए असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह सरकार संतों की मदद से जनता ने बनवाई है। चुनी हुई सरकार को तोड़ने की साजिश संत समाज नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए खर्च किए होने वाले करोड़ों रुपये जनता के बीच बांटे जाएं।षट्दर्शन संत समिति मध्यप्रदेश की ओर से उन्होंने मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री चौहान को दंडित कर पार्टी से निष्कासित किया जाए। बाबा ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिशें चल रही हैं।